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सलाह: स्नान पर्वों पर कोविड और मेडिकल जांच कराकर गंगा स्नान करने आए श्रद्धालु


चंद्रशेखर जोशी।
हरिद्वार में होने वाले 11 फरवरी को मौनी अमावस्या और 16 फरवरी को बसंत पंचमी स्नान पर्व के लिए जिला प्रशासन ने कोविड-19 को देखते हुए एसओपी जारी कर दी है। इसके अनुसार जिला प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि वो तीन दिन पहले की आटीपीसीआर कोरोना जांच कराकर निगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर हरिद्वार स्नान करने आए। वहीं श्रद्धालुओं को ये भी सलाह दी गई कि स्नान के लिए आने वाले यात्री अपने अपने राज्यों के जिला अस्पतालों या अन्य स्वास्थ्य केंद्रों से मेडिकल बनवाकर उसे भी साथ लाएं। हालांकि ये सिर्फ सलाह है और अभी इसे आवश्यक नहीं किया गया है।
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि स्नान पर्वों में भारी भीड आने की संभावना को देखते हुए एसओपी जारी की गई है. इसके अनुसार सलाह के तौर पर श्रद्धालुओं से आग्रह किया गया है कि वो अपनी आरटीपीसीआर जांच करा लें और निगेटिव रिपोर्ट साथ लाएं। साथ ही सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से मेडिकल जांच कराकर उसकी रिपोर्ट भी लाने की सलाह दी गई है।

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बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाआएं ना आएं
वहीं प्रशासन ने 65 साल के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और 10 साल से छोटे बच्चों को भी सलाह देते हुए उन्हें इन दोनों स्नान पर्वों पर घर पर ही रहने के लिए कहा है। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि भारत सरकार की गाइडलाइन को देखते हुए ये एसओपी जारी की गई है।

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होटल, धर्मशालाओं में होगी स्क्रीनिंग
वहीं जिला प्रशासन ने हरिद्वार के सभी होटल, धर्मशाला, आश्रम और गेस्ट आउस जहां यात्री रात में विश्राम करेंगे, वहां थर्मल स्क्रीनिंग करना होगी। साथ ही कोरोना के संबंधी लक्षण मिलने पर तुरंत प्रशासन को उनके द्वारा जारी नबंरों पर सूचित करना होगा। वहीं ढाबा और अन्य होटलों पर भी कोरोना संबंधी गाइडलाइन को लागू करना होगा।

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