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कुंभ मेला: गुणवत्ता फेल की खबरों पर चुप्पी क्यों साधे बैठा है मेला प्रशासन, उठने लगे हैं सवाल


चंद्रशेखर जोशी।
कुंभ मेला के निर्माण कार्यों को लेकर स्थानीय जनता सवाल उठाने लगी है। वहीं कुंभ मेला प्रशासन सडकों की गुणवत्ता को लेकर छपी खबरों पर भी मुंह सिले बैठा है या फिर खबरों को ही झूठा बताने पर तुला है। वहीं आए दिन सडक धंसने और उखडने की खबरों पर स्थानीय जनता में रोष है और लोग सडकों की गुणवत्ता को लेकर सवाल पूछ रहे हैं।
कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार में सडकों को नए सिरे से बनाया जा रहा है और मेल प्रशासन दावा कर रहा है कि सडकें गुणवत्ता पर बिल्कुल खरी उतरी हैं। लेकिन पिछले दिनों अमर उजाला अखबार में एक खबर प्रकाशित की गई जिसमें तकनीकी जांच में सडकें फेल और कुंभ कार्यों की खुली पोल पर खबर लिखी गई। इसमें सडकों के तकनीकी जांच में फेल होने का दावा किया गया।

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मेला अफसरों ने बताया खबर को झूठा
वहीं अमर उजाला अखबार की खबर तकनीकी जांच में सडकें फेल पर जब मेला प्रशासन से बात की गई तो पूरी खबर को ही झूठा बता डाला। इस बारे में जब मेला प्रशासन के तकनीकी प्रकोष्ठ के अधीक्षण अभियंता एसएस पांगती से पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया और कहा कि मेले के किए जा रहे भी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता ठीक है। वही जब अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह से खबर की बाबत जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कहा कि खबर का स्रोत क्या है मुझे नहीं पता है और मेरे मुताबिक सडकों की गुणवत्ता पूरी तरह से मानकों पर खरी उतरी है। अमर उजाला ने खबर किस आधार पर प्रकाशित की ये तो वो ही बता सकते हैं।

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जनता बोली सडकों की गुणवत्ता की जांच की जाए
वहीं हरिद्वार की जिस जनता के लिए कुंभ मेला बजट से सडकों का निर्माण किया जा रहा है, वो ही जनता अब सडकों की गुणवत्ता पर सवाल उठाने लगी है। वरिष्ठ पत्रकार आदेश त्यागी बताते हैं कि प्रथम दृष्टया सडकों की गुणवत्ता सही नहीं दिखती है और इन सभी की थर्ड पार्टी जांच होनी चाहिए। लेकिन थर्ड पार्टी जांच के लिए बनाया गया तकनीकी प्राकेष्ठ सिर्फ रिटायर्ड अफसरों को खुश करने का एक माध्यम बनकर रह गया है। गुणवत्ता की जांच करने से इनका कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी कुंभ मेला शुरु भी नहीं हुआ है और अभी से सडकें कहीं धंस रही है तो अधिकतर जगह उखडने लगी हैं। जबकि कुंभ के बाद यात्रा सीजन भी है इसलिए इस मामले को गंभीरता से लिया जाना आवश्यक है।
वरिष्ठ पत्रकार बृजेंद्र हर्ष ने बताय कि मैंने अपने जीवन में इतनी खराब सडकों का निर्माण कभी नहीं देखा है। कुंभ मेले जैसे आयोजन में इस तरह का निर्माण होगा तो ये बहुत ही दुखदायी है। उन्होंने कहा कि सीनियर अफसरों को इसको गंभीरता से लेना चाहिए और इस मामले में कार्रवाई करना चाहिए। क्योंकि सडकें सीधे जनता से जुडी है और जब जनता खुश नहीं होगी तो करोडों रुपए के विकास कार्यों का क्या मतलब रह जाता है।
महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने बताया ​कि सडकों की गुणवत्ता बहुत ही खराब है और अभी से सडकें उखडने लगी है तो बरसात में क्या हाल होगा। कनखल में नई बनी सडक बैठ गई है। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता को लेकर अफसरों को संजीदा होना चाहिए। अगर यही हाल रहा तो जल्द ही महानगर व्यापार मंडल बडा आंदोलन करने को बाध्य हो जाएगा।

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