चंद्रशेखर जोशी।
हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत को दिल्ली तलब किया गया है। उन्हें खुद उपस्थित होकर बंदी की विसरा रिपोर्ट में देरी का कारण बताने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बुलाया है। वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी ने इस लापरवाही पर हरिद्वार जिला अस्पताल के सीएमएस डा. अर्जुन सिंह सेंगर के खिलाफ कडी कार्रवाई करते हुए उनका वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं। ये पहला मामला है जबकि हरिद्वार के तेज तर्रार माने जाने वाले जिलाधिकारी दीपक रावत को मातहत अधिकारियों की लापरवाही के चलते आयोग की ओर से तलब किया गया है। (DM Deepak Rawat take action in Haridwar)
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क्या है मामला
जिला सूचना विभाग की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि संवासी नन्द किशोर एवं बन्दी संजयराम की मृत्यु की विसरा रिपोर्ट(अन्तिम रिपोर्ट) समय पर उपलब्ध न कराये जाने पर जिलाधिकारी दीपक रावत ने हरिद्वार स्थित राजकीय जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डाॅ0 अर्जुन सिंह सैंगर के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है। जब तक रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करायी जाती तब तक वेतन पर रोक लगी रहेगी। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने डाॅ0 सैंगर को चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में मृत्यु की अन्तिम चिकित्सा रिपोर्ट या विसरा रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने में इस प्रकार की लापरवाही बरती गयी तो सख्त कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। उन्होंने कहा है कि यदि जनपद के किसी भी अपर जिलाधिकारी अथवा किसी भी उप जिलाधिकारी द्वारा मृत्यु की अन्तिम रिपोर्ट या विसरा रिपोर्ट मांगी जाती है तो सम्बन्धित को रिपोर्ट दो दिन के भीतर अवश्य उपलब्ध करा दी जाय।
गौरतलब है कि नन्द किशोर एवं बन्दी संजयराम की मृत्यु की विसरा रिपोर्ट(अन्तिम रिपोर्ट) समय पर उपलब्ध न कराये जाने के कारण मा0 राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट भेजने में विलम्ब हुआ है। जिसके कारण मा0 राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जिलाधिकारी को व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होकर मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट में विलम्ब का कारण बताने के लिए कहा है। इसी वजह से जिलाधिकारी द्वारा डाॅ0 सैंगर के विरुद्ध कार्यवाही की गयी है।
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