पति के एनकाउंटर के बाद बनी सेक्स रैकेट क्वीन, पढिए गीता अरोड़ा के सोनू पंजाबन बनने की कहानी


 

राकेश वालिया।
31 अगस्त 2007 ये वो दिन था जब दिल्ली पुलिस ने सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में सोनू पंजाबन को पहली बार गिरफ्तार किया था। 26 साल की खूबसूरत लड़की, जिसके कटारे जैसे नैन—नक्श देखकर सब हैरान रह गए। महज सातवीं पास सोनू पंजाबन का अंग्रेजी में बात करने का अंदाज देखकर जांच अधिकारी भौच्चके थे। दूध जैसा रंग और होठों पर लाल लिपिस्टिक लगाकर बार—बार सिगरेट के छल्ले उडाने वाली सोनू पंजाबन ने पुलिस वालों को कहा था, ”देखिए साहब, जिस्मफरोशी समाज सेवा है, हम मर्दों को उनकी आजादी की राह दिखाते हैं। साथ ही महिलाओं को उनके सपनों को पूरा करने में मदद करते हैं। अगर आपके पास अपना जिस्म बेचने के अलावा कुछ भी नही है तो इसे जरूर बेचिए। लोग हर वक्त कुछ ना कुछ तो बेच रहे हैं”। सोनू पंजाबन का ये बेबाक अंदाज यूं ही नहीं बना था, इस बेबाकी के पीछे सोनू पंजाबन का वो दर्द ​छिपा था जो जिंदगी ने उसे दिया था और आगे भी मिलने वाला था। आइये आपको बताते हैं गीता अरोडा से सेक्स रैकैट धंधे की रानी बनी सोनू पंजाबन की पूरी कहानी…..

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पाकिस्तान से आया था परिवार
हिंदुस्तान के बंटवारे के बाद लाखों रिफ्यूजियों की तरह ही सोनू पंजाबन के दादा अपने परिवार को लेकर पाकिस्तान से भारत चले आए थे। यहां वो रोहतक में रूके। लेकिन सोनू के पिता ओम प्रकाश काम की तलाश में दिल्ली आए और यहां गीता कॉलोनी में किराए के मकान में रहने लगे। पेशे से आॅटो चालक ओम प्रकाश के घर 1981 में एक बच्ची ने जन्म ​लिया। नाम रखा गया गीता अरोडा। गीता के अलावा घर में उसकी बडी बहन बाला थी और दो छोटे भाई। घर का गुजारा किसी तरह चल रहा था। बडी बहन बाला की शादी दिल्ली के ही रहने वाली सतीश से कर दी गई।

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पहले पति का हुआ एनकाउंटर
गीता की बडी बहन के पति सतीश को एक दिन पता चला कि उसकी बहन निशा का अफेयर किसी लडके से था। सतीश ने अपने भाई विजय सिंह को साथ लेकर लडके की हत्या कर दी। दोनों को गिरफ्तार कर लिया। विजय सिंह ही वो लडका था जिसे गीता अरोडा बेहद प्यार करती थी और उससे शादी करना चाहती थी। 1996 में जब विजय सिंह पेरोल पर बाहर आया तो गीता ने विजय सिंह से शादी कर ली। विजय सिंह आपराधिक प्रवृत्ति का था और दिल्ली में छोटी—मोटी चोरियां करता था। 2003 में पुलिस ने विजय का यूपी में एनकांउटर कर दिया। उस समय गीता गर्भवती थी और कुछ समय बाद उसने एक बच्चे को जन्म दिया जिसका नाम पारस रखा गया।

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घर चलाने के लिए बेचा अपना जिस्म
2003 में ही गीता के पिता ओम प्रकाश भी चल बसे। बडी बहन का पति पहले से ही जेल में था और पति की मौत के बाद घर चलाने वाला कोई नहीं था। दोनों भाई छोटे थे और उनका भी पेट पालना था। लिहाजा गीता अरोडा ने एक ब्यूटी पार्लर में काम करन शुरू कर दिया। यहां उसकी एक साथी नीतू ने उसे ज्यादा पैसे कमाने के लिए जिस्मफरोशी में उतरने का आॅफर दिया। साथ ही उसकी मुलाकात किरण नाम की एक वेश्या से कराई। किरण से मिलने के बाद गीता वेश्या के तौर पर काम करने लगी और जल्द ही क्लाइंट के बीच बहुत फेमस हो गई। पैसा आया तो गीता की उम्मीदें और ख्वाहिशें बढ गई और वो एक हाई—प्रोफाइल जिंदगी जीने लगी।

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गीता अरोडा से कैसी बनी सोनू पंजाबन
पति की मौत के बाद गीता अकेलेपन को खत्म करने के लिए दीपक नाम के एक चोर को दिल दे बैठी। लेकिन दीपक का भी पुलिस ने गुवाहटी में एनकांटर कर दिया। हालांकि ये भी कहा जाता है कि दीपक की मुखबरी पुलिस को खुद गीता ने की ​थी। इसके बाद गीता दीपक के दूसरे भाई हेमंत सिंह के साथ रहने लगी। हेमंत भी अपराधी था और सोनू नाम से उसका गैंग चलता था। हेमंत ने किसी बिल्डर से सुपारी मांगी थी और 2006 में उसका भी एनकांउटर हो गया। हालांकि इस समय समय तक गीता सिर्फ जिस्मफरोशी करती थी। हेमंत की मौत के बाद उसने हेमंत का सोनू नाम एडाप्ट कर लिया और गीता अरोडा से सोनू पंजाबन बन गई। यही से उसने सेक्स रैकेट चलाना शुरू कर दिया। उसने दिल्ली में अपने वेश्यालय खोले और अपने क्लांइट को लडकियां सर्व की।

 

sonu panjaban

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कॉलेज की लडकियों को उतारा वेश्यावृत्ति में
सोनू पंजाबन ने कॉलेज की लडकियों जिन्में अपने खर्चे पूरे करने के लिए पैसों की जरूरत थी को जिस्मफरोशी के धंधे में उतार दिया। उसका पूरा गैंग चलता था। उसके पास कई लडकियां थी जिन्हें वो पचास हजार रुपए महीने तक की तनख्वाह देती थी। 2007 में गिरफ्तार होने के बाद उसे 2008 में फिर गिरफ्तार किया गया और एक बार तो दिल्ली पुलिस ने उस पर मकोका कानून के तहत कार्रवाई कर दी।

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जेल में किया सुसाइड का प्रयास
नशे की आदी बन चुकी सोनू पंजाबन को मकोका के तहत गिरफ्तार किया तो उसे तिहाड जेल लाया गया। यहां जेल में उसने मोबाइल फोन को कई बार यूज किया। जेल के नियम तोडने पर उसे सजा दी गई तो उसने जेल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। हालांकि उसे बचा लिया गया। इसके बाद कोर्ट में चली सुनवाई के बाद उसे आरोपों से मुक्त भी कर दिया गया था। हाल ही में उसे पिछले माह ही दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर गिरफ्तार किया। उसे नाबलिग लडकी को जिस्मफरोशी में उतारने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

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हत्या का भी लगा आरोप
सोनू पंजाबन पर वेश्यावृत्ति के अलावा हत्या का भी आरोप लगा। सोनू पर आरोप था कि उसने अपने सहयोगी जो उसे सेक्स रैकेट के धंधे में चुनौती दे रहा था उसकी हत्या करा दी। हालांकि बाद में इस केस में भी वो बाहर हो गई। वहीं दूसरी ओर दिल्ली के कई दूसरे जिस्मफरोशी गिरोह चलाने वाले लोगों ने भी सोनू पंजाबन से खुद को खतरा बताया। सोनू पंजाबन दिलली के अलावा कई दूसरे राज्यों में अपना धंधा चलाती है और सेक्स रैकेट धंधे की बेताज रानी है। उसका बेटा अपनी नानी के साथ रहता है और वो फिलहाल जेल में है।

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