लक्सर गोलीकांड: पेशी पर चूक, बदमाशों का दुस्साहस, SSP हरिद्वार का ‘जीरो टॉलरेंस’ एक्शन! एक SI सहित तीन पुलिसकर्मी निलंबित, ग्रामीण SP करेंगे गहन जांच
अतीक साबरी:-
हरिद्वार/लक्सर। कल दिनांक 24 दिसंबर 2025 को लक्सर क्षेत्र में हुई एक सनसनीखेज वारदात ने हरिद्वार पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। न्यायालय पेशी पर ले जाए जा रहे एक शातिर मुलजिम विनीत त्यागी पर अज्ञात हथियारबंद बदमाशों ने पुलिस वाहन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उसे घायल कर दिया।

इस दुस्साहसिक घटना को हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) श्री परमेन्द्र डोबाल ने बेहद गंभीरता से लिया है। घटना में प्रारंभिक स्तर पर हुई घोर लापरवाही को देखते हुए, एसएसपी ने त्वरित और कठोर एक्शन लेते हुए एक उपनिरीक्षक (SI) और दो कांस्टेबलों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
क्या था पूरा घटनाक्रम?
कल दिनांक 24-12-2025 को शातिर अपराधी विनीत त्यागी को रूटीन पेशी के लिए न्यायालय ले जाया जा रहा था। लक्सर क्षेत्र से गुजरते समय, अज्ञात हमलावरों ने पुलिस के वाहन को निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं। इस अचानक हुए हमले में मुलजिम विनीत त्यागी घायल हो गया। हमलावर घटना को अंजाम देकर मौके से फरार होने में कामयाब रहे। इस घटना ने एक बार फिर अपराधियों के बढ़ते हौसलों और पुलिस सुरक्षा घेरे की कमजोरियों को उजागर किया है।
SSP हरिद्वार का त्वरित और सख्त एक्शन
जैसे ही एसएसपी हरिद्वार श्री परमेन्द्र डोबाल को इस गंभीर घटना की सूचना मिली, उन्होंने तत्काल पूरे मामले की समीक्षा की। घटना की गंभीरता और पुलिस वाहन पर हुए हमले को सीधे तौर पर सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक मानते हुए, उन्होंने किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने का स्पष्ट संदेश दिया। प्रारंभिक जांच के आधार पर, जिन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी इस पेशी में लगाई गई थी, उनकी लापरवाही स्पष्ट रूप से सामने आई।
निलंबित किए गए पुलिसकर्मी:
उपनिरीक्षक (SI) नरेंद्र कुमार
कांस्टेबल संजय
कांस्टेबल हिमांशु
इन तीनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। एसएसपी ने साफ शब्दों में कहा है कि “लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
गहन जांच के आदेश: जिम्मेदारी तय करने की कवायद
एसएसपी डोबाल ने इस पूरे घटनाक्रम की तह तक जाने के लिए पुलिस अधीक्षक ग्रामीण (SP Rural) को विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। इस जांच का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि आखिर इतनी गंभीर चूक कैसे हुई? क्या सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया?
हमलावरों को पुलिस वाहन की रूट और समय की जानकारी कैसे मिली? और किन परिस्थितियों में ये बदमाश पुलिस के सुरक्षा घेरे को भेदकर हमला करने में सफल रहे?
SSP का स्पष्ट संदेश: “लापरवाही किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं”
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपने संदेश में दोहराया है कि पुलिस बल में अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा सर्वोपरि है। अपराधियों के हौसले पस्त करने के लिए जहां एक ओर सख्त कार्रवाई की जा रही है, वहीं विभाग के भीतर किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। इस एक्शन के जरिए एसएसपी ने पूरे पुलिस बल को यह कड़ा संदेश दिया है कि अपने कर्तव्यों के प्रति किसी भी प्रकार की शिथिलता महंगी पड़ेगी।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
यह घटना एक बार फिर कैदियों की पेशी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या जेल से न्यायालय और न्यायालय से जेल तक ले जाने वाले वाहनों और काफिले की सुरक्षा को और पुख्ता करने की जरूरत है?
क्या इंटेलिजेंस फेलियर का भी यह एक मामला है? ग्रामीण एसपी की जांच रिपोर्ट में इन सभी पहलुओं पर से पर्दा उठने की उम्मीद है।

