उत्तराखण्ड: हरिद्वार के नामी संत ने इलाहाबाद में खुद को गोली से उड़ाया, ये है कारण
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चंद्रशेखर जोशी।
हरिद्वार के नामी संत और श्री पंचायती निरंजनी अखाडा के पूर्व सचिव आशीष गिरी ने खुद को गोली मारकर खुदकशी कर ली। उन्होंने रविवार सुबह प्रयागराज के दारागंज स्थित निरंजनी अखाडे के आश्रम में अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली से उडा दिया। हालांकि खुदकशी के कारणों का पता नहीं चल पाया है। लेकिन बताया जा रहा है कि वो अपनी बीमारी को लेकर मानसिक तनाव में थे, इसके चलते उनहोंने ये कदम उठाया है। फिलहाल, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है। वहीं घटना के बाद से संतों में शोक की लहर फैल गई। यही नहीं हरिद्वार के संतों को जब इस घटना का पता लगा तो वो भी स्तब्ध रह गए। वहीं निरंजनी अखाडे के महंत और अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने पूरी घटना पर शोक व्यक्त किया है।

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लीवर की बिमारी से जूझ रहे थे
बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरी ने सुबह ही महंत आशीष गिरी से बात की थी और उन्हें नाश्ते के लिए मठ में बुलाया था। बताया जा रहा है कि उनका लीवर खराब हो गया था। इस कारण उनका इलाज चल रहा था। देहरादून के एक निजी अस्पताल में भी वो कुछ समय भर्ती रहे थे। इस कारण वो लगातार मानसिक तनाव में चल रहे थे। हालांकि उनका लीवर क्यों खराब हुआ इस बारे में भी तरह तरह की चर्चाएं हो रही है।

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संतों ने जताया शोक
निरंजनी अखाडे के सचिव श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने घटना पर शोक व्यक्त किया और कहा कि श्री महंत आशीष गिरी महाराज युवा संत थे और अखाडे को अग्रसर करने में निरंतर प्रयासरत थे। उनके असमय निधन से अखाडे सहित पूरे संत समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है। जूना अखाडे के संरक्षक श्री महंत हरिगिरी महाराज ने कहा कि ये बेहद स्तब्ध करने वाली घटना है। इससे पूरे संत समाज को बडा आघात पहुंचा है। उन्होंने ऐसा क्यों किया ये तो बताना संभव नहीं है लेकिन ये बेहद अफसोसजनक घटना है।

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