अतीक साबरी:-
कलियर में साबिर पाक का 754 वा उर्स चल रहा है जिसमें देश विदेश के लाखों जायरीन शिरकत करते हैं विगत तीन वर्षों में कोविड के कारण उर्स में जायरीनों की संख्या कम रही वहीं विदेशों से भी जायरीन इस उर्स में नहीं पहुंच पाए। इस वर्ष उर्स में लाखों की भीड़ आने की संभावना है इसी कड़ी में पाकिस्तान से 151 जायरीनों का दल लाहौरी एक्सप्रेस से रुड़की पहुंचा। यहां पुलिस के भारी इंतजाम किए गए थे साथ ही खुफिया विभाग भी पूरी तरह एलर्ट था। उर्स मेला समिति के संयोजक अफजल मंगलौरी ने बताया भारतीय दूतावास इस्लामाबाद ने 166 यात्रियों को पीरान कलियर उर्स का वीजा प्रदान किया था जिनमें से 151 ज़ायरीन भारत पहुँचे है।मंगलोरी ने बताया कि पांच वर्ष बाद यह जत्था इस बार उर्स में सद्भावना और विश्व शांति का पैगाम लेकर भारत आया रहा है।2017 में 153 पाकिस्तान के यात्रियों ने उर्स में भाग लिया था।उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की बड़ी दरगाह बाबा फरीद पकपट्टन ,जिनके सबसे सबसे अधिक श्लोक सिखों की पवित्र किताब गुरुग्रन्थ साहिब में लिखे है,के दीवान साहब अहमद मसूद फरीदी भी पहली बार जत्थे मे पधार रहे हैं। साथ ही लाहौर की दरगाह दाता दरबार से साहिबज़ादा मो शफी भी जत्थे में शिरकत कर रहे हैं। इस दौरान नगर के लोगों में समाजसेवी एडवोकेट नईम सिद्दीकी, एडवोकेट राव मुनफैत अली, शहीद कादरी,ईश्वर लाल शास्त्री मौजूद रहे।
गंगाजल लेकर लौटेंगे पाकिस्तान…
कलियर। उर्स कार्यक्रम आयोजन समिति के संयोजक व अंतरराष्ट्रीय शायर अफ़ज़ल मंगलोरी ने बताया कि इस बार 10 अक्टूबर को पीरान कलियर में एक कार्यक्रम में पाकिस्तानी जत्थे के लीडर के द्वारा लाहौर गुरु मंदिर और लाहौर शिव मंदिर के लिए हरिद्वार का पवित्र गंगाजल सांसद डॉ कल्पना सैनी,पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के कर कमलों से भेंट किया जाएगा साथ ही दरगाह साबिर पाक का तबर्रूक(प्रसाद) वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स द्वारा भेंट किया जायेगा।
पुलिस प्रशासन को किसने किया गुमराह….
कलियर उर्स में प्रत्येक वर्ष 150 से 200 की संख्या में पाकिस्तान से जायरीन पहुंचते हैं रुड़की रेलवे स्टेशन पर नगर के अधिकारियों से लेकर प्रमुख लोग भी उनका स्वागत करते हैं लेकिन इस बार स्वागत के लिए पर भी ज्यादा लोगों को दूर ही रखा गया। वहीं पाकिस्तानी जायरीनों से बात करने के लिए मीडिया पर अब तक कोई प्रतिबंध नही था लेकिन इस बार मीडिया को बात भी नहीं करने दी गई। मीडिया से वार्ता के दौरान पाकिस्तानी जायरीन एकता और भाईचारे का संदेश देते थे जिससे समाज में एक अच्छा माहौल बनता था लेकिन जायरीन पाकिस्तान से क्या पैगाम लेकर आए हैं यह जनता तक नहीं पहुंच सका। मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सुरक्षा का हवाला देते हुए मीडिया को पाकिस्तानी जायरीनों के पास जाने से रोकते रहे। बताया गया है कि किसी के द्वारा पुलिस प्रशासन को गुमराह किया गया था।