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आस्था के नाम पर लूट! दरगाह साबिर पाक में ‘फर्जी सूफियों’ का आतंक, जायरीनों से अवैध वसूली-
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अतीक साबरी:-

आस्था के नाम पर लूट! दरगाह साबिर पाक में ‘फर्जी सूफियों’ का आतंक, जायरीनों से अवैध वसूली

अतीक साबरी:-​श्रद्धालुओं को गुमराह कर ‘अर्जी’ के नाम पर मनमानी रकम वसूल रहे हैं कुछ रसूखदार; प्रशासन की चुप्पी से धंधा फल-फूल रहा​पिरान कलियर (हरिद्वार)। उत्तर भारत की प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक, पिरान कलियर, इन दिनों आस्था के केंद्र से कहीं अधिक अवैध वसूली के अड्डे में तब्दील होती जा रही है। पवित्र दरगाह परिसर और उसके प्रवेश द्वारों पर कुछ स्वयंभू और फर्जी सूफी और उनके साथ जुड़े रसूखदार लोगों का एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जो बाहर से आने वाले भोले-भाले जायरीनों को निशाना बना रहा है।

सबसे गंभीर मामला ‘अर्जी लिखने’ के नाम पर की जा रही खुलेआम ठगी का है, जिस पर प्रशासन की उदासीनता स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं के आक्रोश को बढ़ा रही है।​

गुमराह करने का तरीका: ‘अर्जी’ की अनिवार्यता का झूठ​ जैसे ही श्रद्धालु दरगाह साबिर पाक के मुख्य द्वार से ‘सिदारी (कमरा) क्षेत्र’ में प्रवेश करते हैं, ये फर्जी लोग उन्हें घेर लेते हैं। जायरीनों को यह कहकर गुमराह किया जाता है कि दरगाह में दुआ कबूल करवाने के लिए ‘अर्जी लिखवाना’ अनिवार्य है, जबकि दरगाह परिसर में ऐसा कोई नियम या प्रावधान मौजूद नहीं है।​भोले-भाले जायरीनों की आस्था का फायदा उठाते हुए, ये ठग उनसे मनमानी और भारी-भरकम रकम वसूलते हैं।

कई श्रद्धालु, जो पहली बार दरगाह आते हैं, इस धोखे का शिकार बन जाते हैं और मजबूरन अपनी गाढ़ी कमाई का एक हिस्सा इन अवैध वसूली करने वालों को सौंप देते हैं।

​प्रशासन की चुप्पी: अवैध धंधे को मिली शह​स्थानीय लोगों का कहना है कि यह अवैध वसूली का धंधा नया नहीं है। पूर्व में भी कई बार जायरीनों से ठगी और मनमानी रकम वसूलने को लेकर विवाद और झड़पें हो चुकी हैं।

स्थानीय नागरिकों ने कई बार इस समस्या को प्रशासन और दरगाह प्रबंधन के सामने उठाया है, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है।​स्थानीय लोगों का स्पष्ट आरोप है कि प्रशासन की यही उदासीनता और ढुलमुल रवैया फर्जी सूफियों के हौसले बुलंद कर रहा है।

रसूखदार लोगों के संरक्षण के चलते ये लोग खुलेआम जायरीनों का शोषण कर रहे हैं, जिससे इस पवित्र स्थल की गरिमा धूमिल हो रही है।​दरगाह परिसर में ‘आतंक’ और आक्रोश​आज स्थिति यह है कि दरगाह परिसर के चारों ओर इन फर्जी सूफियों का खुला ‘आतंक’ है। वे न केवल जायरीनों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि दरगाह के शांत और धार्मिक माहौल को भी दूषित कर रहे हैं।

​इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश व्याप्त है। उनकी प्रमुख मांग है कि:​सख्त कार्रवाई: दरगाह परिसर और उसके आसपास अवैध रूप से अर्जी लिखने और वसूली करने वाले सभी लोगों के खिलाफ सीआरपीसी की धाराओं के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।​

जागरूकता: दरगाह प्रबंधन द्वारा परिसर में बड़े बोर्ड लगाकर यह स्पष्ट किया जाए कि ‘अर्जी लिखवाना’ अनिवार्य नहीं है, ताकि जायरीन ठगी का शिकार न हों।​सुरक्षा व्यवस्था: सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाए ताकि इन अवैध गतिविधियों पर तुरंत रोक लग सके।​जायरीनों की आस्था का शोषण करने वाले इन तत्वों पर तुरंत लगाम लगाना अति आवश्यक है, ताकि दरगाह साबिर पाक की पवित्रता और शांति बनी रहे।

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