कुणाल दरगन।
उत्तराखंड के सबसे बड़े घोटाले छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश करने वाले दलित एक्टिविस्ट पंकज लाम्बा की देर रात एक पार्टी में गोली लगने से मौत हो गई । पुलिस ने इसकी पुष्टि की है पुलिस ने बताया कि गोली उनके गले में लगी है और जब उनको अस्पताल ले जाया गया तो वहां डॉक्टरों ने उन को मृत घोषित कर दिया।
पंकज लाम्बा देर रात टिहरी विस्थापित कॉलोनी में एक परिवार के साथ पार्टी कर रहे थे परिवार की दो नाबालिग लड़कियां पार्टी में शामिल थी इस दौरान पंकज लाम्बा ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल एक नाबालिग लड़की को दे दी और उसने जब गोली चलाई तो उसकी गोली सीधा पंकज लांबा के गले में जा लगी हालांकि बताया जा रहा है कि पिस्टल खाली कर दी गई थी लेकिन उसके चैमबर में एक गोली होने के कारण जब नाबालिग लड़की ने गोली चलाई तो उससे हादसा हो गया।
हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है बताया जा रहा है कि दोनों लड़कियों के पिता दिल्ली में रहते हैं और उन्होंने दूसरी शादी होने के कारण दोनों बेटियों को हरिद्वार में किराए के मकान पर रखा हुआ था। पंकज जाने-माने दलित एक्टिविस्ट थे और उत्तराखंड का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला छात्रवृत्ति घोटाला खोलने में उन्होंने लंबा संघर्ष किया था। छात्रवृत्ति घोटाले में अब तक दर्जनों मुकदमे हो चुके हैं और कॉलेज चलाने वाले कई मालिक जेल जा चुके हैं जबकि कईयों पर जेल जाने की तलवार लटकी हुई है।
2012 से लेकर 2016 तक उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग में अनुसूचित जाति जनजाति छात्रवृत्ति घोटाला हुआ था। जिसमें शिक्षण संस्थानों ने फर्जी छात्रों के एडमिशन दिखाकर समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति डकार ली थी इस मामले में तत्कालीन सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई। और उसके बाद पंकज लाम्बा संघर्ष करते रहे और आखिरकार कोर्ट की शरण में उनको जाना पड़ा। कोर्ट से मुकदमे के आदेश हुए तो घोटाले में एसआईटी बनाई गई। जिसके बाद गिरफ्तारियां और मुकदमों का दौर शुरू हुआ। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी अब तक इस घोटाले में गिरफ्तार हो चुके हैं। हालांकि घोटाले में बढ़ती जा रही ढील पर अधिकारियों को आड़े हाथों लेते थे और शिक्षण संस्थानों के मालिकों की गिरफ्तारी में हो रही देरी पर कई बार जल्द गिरफ्तारी की गुहार भी लगाते थे। उनकी अचानक ने सबको हैरत में डाल दिया है।
Average Rating