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सीनियर कांग्रेस नेता संजय पालीवाल को किनारे लगाने की तैयारी, ये नेता हुए सक्रिय


रतनमणी डोभाल।
हरिद्वार के सीनियर नेता संजय पालीवाल को किनारे करने की तैयारी हरिद्वार के नेताओं ने ही शुरू कर दी है। संजय पालीवाल के देहरादून और दिल्ली के संपर्कों को भी संजय पालीवाल की जमीनी हकीकत बताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो देहरादून में आला नेताओं ने संजय पालीवाल को किनारे करने में जुटे हरिद्वार के नेताओं को शह देना शुरू कर दिया है। इनमें यूथ कांग्रेस के नेताओं के साथ—साथ हरिद्वार के वो सीनियर नेता भी शामिल हैं, जो ये समझते हैं कि उन्हें संजय पालीवाल और उनके गुट ने कभी आगे नहीं बढ़ने दिया और संजय पालीवाल की राजनीति से पार्टी को नुकसान हो रहा है।
इसका ताजा उदाहरण हाल ही में लालढांग में किसान सम्मान यात्रा का है, जिसमें संजय पालीवाल को जानकारी लगे बिना ही प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया, बल्कि इसमें हरिद्वार के अधिकतर नेताओं ने शिरकत भी की। वहीं संजय पालीवाल जिनके बारे में ये कहा जाता था कि हरिद्वार में अगर कार्यक्रम करना है तो हाईकमान के नेता संजय पालीवाल की मर्जी के बिना समय नहीं देंगे, ये भ्रम भी टूट गया। आलम ये था कि संजय पालीवाल के फोटो तक कार्यक्रम के पोस्टर से गायब थे।
एक नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि संजय पालीवाल के कारण हरिद्वार में पार्टी को काफी नुकसान हुआ है। संगठन में उन्होंने अपने उन लोगों को शामिल कराया, जिनका कोई जनाधार नहीं था। यही कारण है कि हरिद्वार का संगठन बहुत कमजोर है और लोग कांग्रेस से जुड़ने से कतराते हैं बल्कि सीनियर नेता भी कांग्रेस के हरिद्वार के पदाधिकारियों से बेहद नाराज हैं। उन्होंने ये भी कहा कि संजय पालीवाल जिस इलाके में रहते हैं वहां से वो चंद वोट भी पार्टी के लिए नहीं जोड़ पाए और पार्टी के मंचों पर बड़े बड़े दावे करते हैं।
सूत्रों की मानें तो संजय पालीवाल की बिना सहमति के ही या कहें उन्हें जानकारी दिए बिना ही एक ओर बड़ा कार्यक्रम हरिद्वार में होने जा रहा है। जिसमें पहले कार्यक्रम की तरह ही बड़ी संख्या में लोग जुटने की उम्मीद की जा रही है। वहीं लालढ़ांग का कार्यक्रम आयोजित करने वाले कांग्रेस नेता राजीव चौधरी ने बताया कि हम सब पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। पार्टी हैं तो हम हैं, लेकिन अगर हम आम कार्यकर्ता को ही नाराज कर देंगे तो फिर नए रास्ते खुद ब खुद ही बन जाते हैं। जहां तक संजय पालीवाल का सवाल है कि वो बड़े नेता है। उनका सभी सम्मान करते हैं और उन्हें भी जमीनी हककीत को समझते हुए कार्यकर्ताओं के मन की बात को समझना चाहिए।

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