उत्तराखण्ड भू कानून को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर पूरे प्रदेश में बाहरी लोग खेती और बागवानी की जमीन नहीं खरीद पाएंगे। आवासीय मकसद के लिए भी एक परिवार को पूरे जीवन में कुछ जमीन ही खरीदने की अनुमति होगी। लेकिन हरिद्वार और उधम सिंह नगर को इससे बाहर रखा गया है जिसके बाद हरिद्वार और उधम सिंह नगर में प्रोपर्टी डीलरों को अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है। हरिद्वार में कहां सबसे ज्यादा निवेश होगा। इससे पहले जानते हैं कानून के मुख्य प्रावधान क्या है।
उत्तराखण्ड भू कानून

1- त्रिवेंद्र रावत सरकार के 2018 के सभी प्रावधान किए गए निरस्त
2 – हरिद्वार और उधम सिंह नगर जनपद को छोड़कर 11 जनपदों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की लैंड नहीं खरीद पाएंगे.
3 – पहाड़ों पर होगी चकबंदी और बंदोबस्ती जमीनों की खरीदारी के लिए अब डीएम नहीं दे पाएंगे अनुमति.
4 – प्रदेश में जमीन खरीद के लिए बनेगा पोर्टल पोर्टल में राज्य के बाहर के लोगों की 1 इंच जमीन खरीद का भी होगा उत्तर.
5- जमीन खरीदने के लिए राज्य के बाहर के लोगों के लिए होगा शपथ पत्र अनिवार्य.
6- सभी डीएम को राजस्व परिषद और शासन को सभी जमीनों की खरीद की रिपोर्ट देनी होगी.
7 – नियमित रूप से नगर निकाय सीमा के अंतर्गत जमीनों के तय भू उपयोग के अंतर्गत ही कर पाएंगे प्रयोग.
8 – नियमों से हटकर किया गया इस्तेमाल तो जमीन होगी सरकार में निहित.
उत्तराखण्ड भू कानून
हरिद्वार में प्रोपर्टी कारोबारियों को आशा
प्रोपर्टी एक्सपर्ट भारत तनेजा ने बताया कि नए उत्तराखण्ड भू कानून में हरिद्वार और उधम सिंह नगर को बाहर रखा गया है। इससे हरिद्वार के प्रोपर्टी कारोबार में तेजी आएगी। पिछले कुछ समय से हरिद्वार के बजाए देहरादून और ऋषिकेश में ज्यादा जमीनों की खरीद फरोख्त हो रही थी। अब निवेशक हरिद्वार में खरीदारी करेंगे।
प्रोपर्टी करोबारी सुनील अरोड़ा ने बताया कि हरिद्वार में इस वक्त सबसे ज्यादा बहादराबाद से रुडकी के बीच में खरीदारी हो रही है। यहां जमीनों के लिए ज्यादा दिलचस्पी देखने को मिल रही है। इसके अलावा कनखल और जगजीतपुर मार्ग पर भी तेजी है। लेकिन नए भू कानून के बाद अब भगवानपुर और लक्सर में भी जमीनों की खरीदारी होगी। श्यामपुर से चिडियापुर तक भी निवेश किया जा रहा है। आने वाले दिनों में यहां प्रोपर्टी के दाम आसमान छूएंगे।