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रूडकी के वैज्ञानिक तारिक़ अफ़रोज़ ने लाईलाज रोग की दवा खोजी, दवा हुई पेटेंट


अतीक साबरी, रुड़की।

दुनिया के लिए alzheimer , ALS , FTD जैसी खतरनाक बीमारियों की दवा का आविष्कार कर रुड़की निवासी डॉ तारिक़ अफ़रोज़ ने देश का नाम रोशन किया है। स्विट्ज़रलैंड में ए सी इम्यून के प्रोजेक्ट लीडर तारिक़ अफ़रोज़ के साथ तमारा सेरेडिनिना , तमर ज़ीन के नाम से पेटेंट हुआ है। आपको बता दे विश्व विख्यात साइंटिस्ट व फिजिसिस्ट स्टीफेन हॉकिन्स ALS बीमारी से ही पीड़ित थे। अब तक ए एल एस बीमारी में शरीर paralyze हो जाता है और कुछ ही समय मे मरीज़ की म्रत्यु हो जाती है ।

वहीं अल्ज़ाइमर व एफ टी डी एक ऐसे बीमारी है जिससे दिमाग पूर्णतः नष्ट होता है जो म्रत्यु का कारण बनता है।
केवल अमेरिका में 5 मिलियन alzhimer मरीज़ है, और पूरे विश्व मे लगभग 20 मिलियन । एफ टी डी दुनिया मे हर एक लाख में से 22 लोगो के अनुपात में पाई जाने वाली खतनाक बीमारी है। जबकि ए एल एस एक खतरनाक जानलेवा बीमारी है। अब तक इन बीमारियों का कोई इलाज नही था।
ऐसे में डॉ तारिक़ अफ़रोज़ द्वारा किये गए ड्रग आविष्कार से दुनिया भर के लाखो पीड़ित लोगो की ज़िंदगी प्रभावित हो बेहतर होने की उम्मीद जगी है। तारिक़ अफ़रोज़ को इस ड्रग का पेटेंट लगभग एक साल पहले नवंबर 2020 में मिला और यह दवा अभी प्री क्लीनिकल ट्रायल्स में है।
डॉ तारिक़ अफ़रोज़ IIT मुम्बई से पी जी के बाद पी एच डी के लिए स्विट्ज़रलैंड के ई टी एच यूनिवर्सिटी 2007 में चले गए थे और उसके पश्चात वहीं विभिन्न रिसर्च प्रोजेक्ट्स पर पिछले 14 साल से काम कर रहे हैं , उनके अनेको पब्लिकेशन साइंस के विख्यात nature जर्नल में प्रकाशीत हुए हैं।

डॉ तारिक़ फिलहाल रुड़की अपने परिवार से मिलने आये हुए हैं । उनके पिता भूतपूर्व वायुसेना अधिकारी साजिद अख्तर ने बताया कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उनका पुत्र कुछ ऐसा कर रहा है जिससे लाखो लोगो की ज़िंदगी बेहतर हो सके और साथ ही देश का नाम रोशन करे।
डॉ तारिक़ अफ़रोज़ के भाई शारिक अफ़रोज़ ने यह जानकारी देते हुए कहा कि तारिक़ देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं , उन्होंने अपना जीवन साइंस और रिसर्च को समर्पित किया हुआ है।

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