Haridwar Covid-19 situation

इन कमियों पर हरिद्वार का निजी अस्पताल सील, क्या हुआ जो मरीज भर्ती थे


विकास कुमार।

बिना अनुमति के कोरोना मरीजों के इलाज करनेऔर कोरोना मरीजो से मन चाहे पैसे वसूलने व अन्य कमियों की शिकायतों पर जिला प्रशासन हरिद्वार और स्वास्थ विभाग की टीम ने सराय रोड स्थित नूतन ओजस अस्पताल में छापामारी की। देर रात तक चली इस कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे अस्पताल को सीज कर दिया है हालांकि अस्पताल में भर्ती मरीजों को इलाज दिया जाता रहेगा। लेकिन अब कोई नहीं नया मरीज भर्ती नहीं किया जाएगा। वहीं प्रशासन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रहा है। गौरतलब है कि हरिद्वार में कोरोना के इलाज के लिए तीन अस्पताल है जिनमें जया मैक्सवेल, मिलिट्री अस्पताल और रुड़की का विनय विशाल अस्पताल है।

जबकि 10 कोरोना के हेल्थ सेंटर है जिस में मेट्रो, मेला अस्पताल और बेस अस्पताल आदि शामिल है। स्वास्थ विभाग को शिकायत मिली थी कि नूतन ओजस अस्पताल बिना अनुमति के कोरोना का इलाज कर रहा है और मनचाहे पैसे मरीजों से इलाज के नाम पर ठग रहा है। सीएमओ हरिद्वार डॉक्टर शंभू नाथ झा ने बताया के ओजस अस्पताल में मिली कमियों के बाद अस्पताल को सीज कर दिया गया है साथ ही अब अस्पताल प्रबंधन कोई नया मरीज भर्ती नहीं कर पाएगा ना ही ओपीडी चला पाएगा।

हालांकि वहां कुछ मरीज भर्ती थे जिन का इलाज पहले की तरह किया जाता रहेगा। उन्होंने बताया कि वहां गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत थी उन्हें तुरंत दो वेंटिलेटर उपलब्ध करा दिए गए। उन्होंने बताया की कोरोना का इलाज बिना अनुमति के करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अन्य अस्पतालों में भी कमियों को दूर करने के लिए कहा गया है।

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