Muslim fund scam in Haridwar another muslim fund closed

दूसरे मुस्लिम फंड पर भी लटके ताले, लोगों के करोड़ों डूबे, कहां गया जनता का पैसा, देखें वीडियो


रतनमणी डोभाल।
हरिद्वार की उपनगरी ज्वालापुर में कबीर निधि फंड के भागने के बाद अब दूसरे मुस्लिम फंड पर भी ताले लटक गए हैं। पिछले करीब 15 दिनों से मुस्लिम फंड बंद पडा है। संचालकों का कहना है कि उनके पास लोगों को देने के लिए पैसे नहीं है। जिसके चलते लोगों के करोडों रुपए फंस गए हैं। वहीं संचालकों तक संपर्क भी नहीं हो पा रहा है जिसके कारण लोग चक्कर काट काट कर थक गए हैं। वहीं पुलिस कार्रवाई के लिए तहरीर का इंतजार कर रही है। लेकिन सबसे बडा सवाल ये है कि मुस्लिम फंड में जमा लोगों का पैसा कहां गया। muslim fund scam in Haridwar second muslim fund also closed

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रज्जाक से अलग होकर बना था फंड
25 साल पहले ज्वालापुर के कुछ प्रभावशाली लोगों ने मिलकर मुस्लिम फंड की शुरुआत की थी, जिसकी कमान अब्दुल रज्जाक को दी गई थी। रज्जाक ने 2011 में अपना अलग मुस्लिम फंड खोल लिया और बडे पैमाने पर प्रोपर्टी में इनवेस्ट कर जनता के पैसे से करोडों के वारे न्यारे किए। इस बीच कुछ प्रभावशाली लोगों ने हाफिज जुल्फिकार जो पहले रज्जाक के साथ काम करते थे के जरिए दूसरा मुस्लिम फंड खोला। बताया जा रहा है कि इस मुस्लिम फंड में जुल्फिकार और ठेकेदार इकबाल मुख्य थे। लेकिन अब दोनों की मौत हो चुकी है। हालांकि इससे पहले जुल्फिकार 2018 में गुलशन—ए—​हिंद निधि फंड बना चुके थे जिससे ठेकेदार इकबाल और दूसरे लोगों को बाहर कर दिया गया था। बडा सवाल ये है कि लोगों के जमा करोडों रुपए का हिसाब किसके पास है, क्योंकि इकबाल और जुल्फिकार दोनों की मौत हो चुकी है।

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कौन—कौन है गुलशन—ए—निधि फंड में
2018 में बनी गुलशन—ए—निधि फंड में जुल्फिकार अली निवासी जमालपुर कलां, जफरुद्दीन निवासी जमालपुर कलां, उस्मान निवासी ज्वालापुर, रईस हैदर निवासी सराय, ताज मोहम्म्द निवासी जमालपुर, अंजार निवासी जमालपुर और इमरान निवासी जमालपुर हैं। इसमें अधिकतर जुल्फिकार के रिश्तेदार व अन्य खास लोग रखे गए हैं। जबकि पूर्व की सोसायटी में जुल्फिमार, ठेकेदार इकबाल और एक स्थानीय पार्षद का होना बताया जा रहा है। लेकिन सवाल सिर्फ नई या पुरानी संस्था का नही है, बल्कि ये है कि लोगों का पैसा कब मिलेगा और कौन देगा और क्या सच में लोगों का पैसा डूब गया है।

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पुलिस को तहरीर का इंतजार
वहीं रज्जाक के मामले में पुलिस ने तहरीर मिलते ही मुकदमा दर्ज कर लिया था, जिसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि दूसरे मुस्लिम फंड ने लोगों को कुछ दिनों तक पैसे बांटे लेकिन अभी भी डेढ से दो करोड रुपए की देनदारी बनी हुई है। वहीं ज्वालापुर पुलिस का कहना है कि अभी तक उनके पास तहरीर नहीं आई है। शिकायत आने के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

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file photo
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