Haridwar Police and DM Haridwar

कोरोना: हरिद्वार-रुड़की के इन इलाकों में सबसे बुरे हालात, सिस्टम की ये लापरवाही पड सकती है भारी


विकास कुमार।
कोरोना ने हरिद्वार जनपद को पूरी तरह अपने चपेट में लेना शुरु कर दिया है। सरकारी आंकडों की बात करें तो हरिद्वार में सबसे ज्यादा केस हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र और बहादराबाद ब्लॉक के शहरी इलाकोंं से आ रहे हैं। इनमें बीएचईएल शिवालिक नगर, सिडकुल, रोशनाबाद, लालढांग, सुभाष नगर इलाके शामिल है। जबकि हरिद्वार नगर निगम एरिया में मायापुर, ज्वालापुर मध्य हरिद्वार और कनखल सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में शुमार हो रहा है, जहां लगातार कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। हरिद्वार के अलावा रूडकी सिटी एरिया मे सबसे ज्यादा केस मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक अप्रैल से अब तक करीब 11840 कोरोना संक्रमित मामले हरिद्वार में मिले हैं जिनमें से अधिकतर हरिद्वार नगर निगम, बहादराबाद और रूडकी क्षेत्र से हैं। हालांकि इनमें वो यात्री और संत भी शामिल हैं जिनके टेस्ट प्रमुख शाही स्नानोंं और बार्डर आदि पर किए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार विभिन्न कोविड अस्पतालों और सेंटरो में करीब 2563 मरीज भर्ती हैं जबकि बडी संख्या उनकी है जिनके बारे में अभी तक स्वास्थ्य विभाग के पास डाटा नहीं है। वहीं इन तीनों ही इलाकों में लगातार कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं जो चिंता की बात है और लगातार मौतें भी हो रही है।


प्रशासन की ये लापरवाही पड सकती है भारी
वहीं हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र और बहादराबाद के बीएचईएल, शिवालिक नगर और अन्य इलाको में लगातार केस आने के बाद भी प्रशासन इन इलाकों मे कंटेनमेंट जान बनाने में लापरवाही बरत रहा है। इसके उलट रुडकी में स्थानीय प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन बनाए हैं। वर्तमान में हरिद्वार में कंटेनमेंट जोन की संख्या दस है जिसमें आठ रूडकी है और दो लक्सर के हैं लेकिन हरिद्वार में रूडकी से ज्यादा केस होने के बाद भी यहां कंटेनमेंट जोन नही बनाए जा रहे हैं जो चिंता की बात है और प्रशासन की ये लापरवाही हरिद्वार पर भारी पड सकती है।


क्या कहते हैं अधिकारी
एसीएमओ डा. एचडी शाक्य ने बताया कि हम जिला प्रशासन को कोरोना पॉजिटिव आए मरीजों की संख्या लगातार बता रहे हैं ये काम जिला प्रशासन के अधिकारियों का है कि वो आंकडों के हिसाब से कंटनेमेंट जोन बनाए। अगर ये जोन नहीं बन रहे हैं तो ये गंभीर बात है क्योंकि इससे संक्रमण को रोक पाने में बाधा उत्पन्न होगी। वहीं जिलाधिकारी सी रविशंकर से जब इस बारे में पूछा गया तो वो जवाब देने के लिए उपलब्ध नहीं थे।

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