Haridwar Corridor हरिद्वार कोरीडोर मामले में कांग्रेस का विशाल मशाल जुलूस फ्लॉप शो साबित हुआ। महानगर कांग्रेस अथवा मुरली गुट के नेता ये दावा कर रहे थे कि हरिद्वार कोरीडोर मसले पर होने वाले विरोध प्रदर्शन में हजारों की भीड़ जुटेगी लेकिन जुलूस में प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा की मौजूदगी भी कांग्रेसियों को घर से नहीं निकाल पाई। कई कांग्रेसी निकाय चुनाव में टिकट की आस में आस्तीनें चढ़ाए घूमते नजर आए।
कोरीडोर पर जनता को साथ नहीं ला पा रहे कांग्रेसी
हरिद्वार कोरीडोर मसला हरिद्वार के लिए ज्वलंत मुद्दा है। लेकिन विपक्षी कांग्रेस के नेता कोरीडोर के मसले पर जनता के साथ नहीं ला पा रहे हैं। यही नहीं स्थानीय व्यापारी भी कांग्रेस को लेकर उत्साहित नहीं हैं। महानगर अध्यक्ष अमन गर्ग और मुरली मनोहर की टीम असरदार साबित नहीं हो रही है। इससे प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा को भी बार बार हरिद्वार में मायूसी हाथ लगती है।
Haridwar Corridor
गुटबाजी को हवा दे रहा है मुरली धड़ा Haridwar Corridor
भाजपा से लड़ने से पहले कांग्रेस को एक करना भारी काम है। ये जिम्मेदारी महानगर अध्यक्ष अमन गर्ग के कंधों पर हैं लेकिन अमन गर्ग को पूर्व विधायक अबंरीष कुमार के करीबी रहे मुरील मनोहर चला रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि अमन गर्ग को मोहरा है मुरली मनोहर ही कांग्रेस के सब फैसले ले रहे है। मुरली मनोहर का इतिहास गुटबाजी को हवा देने वाला रहा है। ऐसे में कांग्रेसी एकजुट हो पाएंगे इसकी उम्मीद कम ही लगती है।
बार—बार मायूस हो रहे हैं माहरा
वहीं प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के लिए हरिद्वार उम्मीदों के अनुसार काम नहीं कर रहा है। छह विधायक कांग्रेस के होने के बाद भी पहले पंचायत चुनाव में बुरी हार मिली। इसके बाद लोकसभा में पटखनी खाई। कांग्रेस के विधायकों में आपसी समन्वय नहीं है और कार्यकर्ताओं में भी खींचतान नजर आती है। हरिद्वार नगर निगम हो या शिवालिक नगर पालिका, रुडकी या फिर लक्सर सभी जगह कांग्रेस के कार्यकर्ता गुटबाजी के कारण हत्सोहित हैं। गुटबाजी को खत्म कर कांग्रेस को एक करने में करण माहरा बार बार नाकाम साबित हो रहे हैं।