बदहाली और सुरक्षा-व्यवस्था की खुली पोल: कलियर दरगाह का रैन बसेरा बना ‘परेशानियों का घर’-
अतीक साबरी:-कलियर:-विश्व प्रसिद्ध पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक में देश-विदेश से आने वाले लाखों जायरीनों को इन दिनों दरगाह प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बदतर स्थिति दरगाह के रैन बसेरे की है, जो अपनी मूलभूत सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था के चरमराने के कारण ‘परेशानियों का घर’ बन चुका है।

सुविधाओं की बदहाली: ताले में कैद शौचालय, सड़कों पर गंदगीरैन बसेरे में जायरीनों के लिए बने सार्वजनिक शौचालयों का हाल सबसे बुरा है।शौचालयों पर ताला: अधिकांश शौचालयों में ताला लटका हुआ है, जिसके कारण दूर-दराज से आए जरूरतमंद जायरीन उनका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

प्राइवेसी का उल्लंघन:
जिन शौचालयों का किसी तरह उपयोग किया जा रहा है, उनके गेट अंदर से टूटे हुए हैं, जो महिलाओं और परिवारों की निजता (प्राइवेसी) का गंभीर उल्लंघन है।
सीवरेज व्यवस्था ध्वस्त:
इससे भी गंभीर समस्या यह है कि शौचालयों की साफ-सफाई और सीवरेज व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। शौचालयों का गंदा और दूषित पानी बाहर सड़क पर बह रहा है, जिसके कारण पूरे परिसर में असहनीय दुर्गंध फैल रही है। यह स्थिति संक्रामक बीमारियों के फैलने का बड़ा खतरा पैदा कर रही है और पवित्र दरगाह परिसर की स्वच्छता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।
सुरक्षा-व्यवस्था में बड़ी चूक: रैन बसेरा बना ‘असामाजिक तत्वों का अड्डा’
रैन बसेरे की बदहाली सिर्फ गंदगी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां की सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह से लचर हो चुकी है।असामाजिक तत्वों का जमावड़ा: खबर है कि रात के समय रैन बसेरे में शाररतीतत्वों और असामाजिक लोगों का जमावड़ा लगा रहता है।
जायरीनों की सुरक्षा खतरे में: इन तत्वों के कारण यहां रुकने वाले जायरीनों, विशेषकर महिलाओं और परिवारों की सुरक्षा हर समय खतरे में रहती है।
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं: स्थानीय लोगों का कहना है कि रैन बसेरे की लचर सुरक्षा व्यवस्था के कारण इससे पहले भी कई अप्रिय और आपराधिक घटनाएं यहाँ घट चुकी हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया।
न कोई रिकॉर्ड, न कोई जवाबदेही
दरगाह प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है कि रैन बसेरे में रुकने वाले जायरीनों का कोई रिकॉर्ड (रजिस्टर) भी नहीं रखा जाता है। यह एक गंभीर सुरक्षा चूक है, क्योंकि इसकी वजह से यह पता लगाना मुश्किल है कि रैन बसेरे में कौन रुक रहा है। सुरक्षा, जवाबदेही और किसी अप्रिय घटना की स्थिति में जांच के लिए यह रिकॉर्डिंग अनिवार्य है, जिसकी दरगाह के पास कोई व्यवस्था नहीं है।
प्रशासन से जायरीनों की उम्मीद
शिकायतों के बावजूद दरगाह प्रशासन इस गंभीर समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। हाल ही में दरगाह के प्रबंधन का दायित्व रुड़की के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र शेट को सौंपा गया है। जायरीन उम्मीद कर रहे हैं कि नए प्रशासक इस महत्वपूर्ण जनसुविधा और सुरक्षा व्यवस्था की ओर तत्काल ध्यान देंगे और रैन बसेरे की बदहाल व्यवस्था को दुरुस्त कराएंगे।
इस संबंध में रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक राम चंद्र शेट ने बताया, “शौचालय में लगा ताला मेरे संज्ञान में नहीं है। रैन बसेरे में जो भी समस्याएँ हैं, चाहे वह साफ-सफाई, बंद शौचालय हों या सुरक्षा का मसला, उन्हें जल्द ही प्राथमिकता के आधार पर समाधान कर दिया जाएगा।”जायरीनों की मांग है कि रैन बसेरे में सुरक्षा व्यवस्था तुरंत बढ़ाई जाए, सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, और रुकने वाले हर व्यक्ति का रिकॉर्ड दर्ज करना अनिवार्य किया जाए, ताकि यह पवित्र स्थल अराजकता का केंद्र न बन सके।




