*फर्जी दस्तावेज़ों से विधवा के मकान पर कब्ज़ा, परिवार को कत्ल की धमकी*
अतीक साबरी:-पिरान कलियर, पिरान कलियर शरीफ इलाके में एक वीभत्स धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसने संपत्ति हड़पने के इरादे से कानूनी और नैतिक सीमाओं को लांघ दिया है। एक शातिर व्यक्ति ने फर्जी कागजात तैयार कर न केवल खुद को मृत व्यक्ति का बेटा घोषित कर दिया, बल्कि विधवा और उसके बच्चों को घर से बेदखल कर जान से मारने की धमकी भी दी है।
*मामले की जड़:*
शिकायतकर्ता मीना के पति स्वर्गीय रिफाकत की मृत्यु अक्टूबर 2024 में हो गई थी। मृतक रिफाकत की कोई जैविक संतान नहीं थी, इसलिए मीना कानूनी रूप से उनकी एकमात्र वारिस हैं।
*धोखाधड़ी का जाल (दस्तावेज़ों की जालसाजी):*
मीना की तहरीर के अनुसार, आरोपी शेरू पुत्र इकराम (मूल निवासी भगवानपुर चन्दनपुर) का रिफाकत के परिवार से कोई रक्त संबंध नहीं है। संपत्ति पर बुरी नजर होने के कारण, शेरू ने अपनी असली पहचान छिपाकर खुद को ‘शेर अली पुत्र रिफाकत’ के रूप में पेश किया।
*पहला कदम:*
उसने जालसाजी कर एक फर्जी आधार कार्ड बनवाया।
*दूसरा कदम:*
इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर राजस्व अधिकारियों को गुमराह करते हुए 18 अक्टूबर 2024 को एक जाली उत्तरजीवि प्रमाण पत्र हासिल कर लिया।मीना का आरोप: “आरोपी ने मेरी पति की पहली पत्नी (तैहरूनिशा) को भी डरा-धमकाकर अपने नाजायज दबाव में ले रखा है, ताकि वह मेरे खिलाफ खड़ी रहे।”*बच्चों को निकाला, किया नाजायज कब्ज़ा
*फर्जी कागजात हाथ लगते ही, आरोपी ने अपनी दबंगई दिखानी शुरू कर दी। उसने जोर-जबरदस्ती से प्रार्थीया मीना के मकान पर नाजायज कब्ज़ा कर लिया और मीना व उनके पाँचों बच्चों को घर से बाहर निकाल दिया।
‘कत्ल करके लाश का पता भी नहीं चलने देंगे’:
मीना ने अपनी शिकायत में कहा है कि आरोपी लगातार उन्हें और उनके बच्चों को धमका रहा है। धमकी है कि वह मौका मिलते ही “प्रार्थीया व प्रार्थीया के पाँचों बच्चों का कत्ल करके लाश का भी पता नहीं चलने देगा और सारी संपत्ति पर कब्ज़ा करेगा।
“*पुलिस ने दर्ज की FIR; जाँच शुरू*
विधवा मीना ने अंततः दिनांक 04-11-2025 को कलियर शरीफ थाने में तहरीर दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल आरोपी शेरू पुत्र इकराम के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी (Forgery), बलपूर्वक कब्ज़ा (Criminal Trespass) और जान से मारने की धमकी की संबंधित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज कर ली है।
विवेचक उ0नि0 उपेन्द्र सिहं को मामले की जाँच सौंपी गई है। पुलिस अब फर्जी आधार कार्ड और उत्तरजीवि प्रमाण पत्र की सत्यता की जाँच कर रही है।




