बूथ प्रभारी से प्रदेश मीडिया सह प्रभारी, चुनाव प्रबंधन के खलीफा हैं विकास तिवारी, पंद्रह चुनाव में से 14 जिताये

बूथ प्रभारी से प्रदेश मीडिया सह प्रभारी, चुनाव प्रबंधन के खलीफा हैं विकास तिवारी, पंद्रह चुनाव में से 14 जिताये
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प्रदेश के नए मीडिया सह प्रभारी विकास तिवारी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बूथ प्रभारी से की थी। चुनाव और मीडिया प्रबंधन के अपने हुनर के चलते हरिद्वार नगर में होने वाले हर चुनाव में वो मुख्य भूमिका में नजर आए। किास तिवारी 2007 से अब तक करीब लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय और सहकारिता के पंद्रह चुनावों में अपना हुनर दिखा चुके हैं। इन पंद्रह में से 14 चुनावों में भाजपा को जीत मिली है। सौम्य व्यवहार और कुशल प्रबंधन के कारण ही उन्हें हर चुनाव में पार्टी ने चुनाव प्रबंधन टीम में मुख्य भूमिका दी।

एबीवीपी से हुई शुरुआत
विकास तिवारी ने राजनीति में आने से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय भूमिका निभाते रहे। इसके बाद भाजपा युवा मोर्च में उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। फिर 2007 का विधानसभा चुनाव आया। मदन कौशिक के सामने कद्दावकर अंबरीष कुमार मैदान में थे और भाजपा के लिए ये चुनाव कठिन था। अंबरीष कुमार के पास तमाम अनुभवी लोगों की जमात थी इधर मदन कौशिक ने युवाओं पर भरोसा किया और युवाओं की टोली की जिम्मेदारी दी गई विकास तिवारी को। विकास तिवारी की युवा टीम ने ऐसा माहौल बनाया कि मदन कौशिक रिकार्ड मतों से जीत गए।

बूथ प्रभारी से प्रदेश मीडिया सह प्रभारी, चुनाव प्रबंधन के खलीफा हैं विकास तिवारी, पंद्रह चुनाव में से 14 जिताये
बूथ प्रभारी से प्रदेश मीडिया सह प्रभारी, चुनाव प्रबंधन के खलीफा हैं विकास तिवारी, पंद्रह चुनाव में से 14 जिताये

मिलने लगी हर चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका
2007 के विधानसभा चुनाव के बाद विकास तिवारी को हर चुनाव में चुनाव प्रबंधन की भूमिका दी जाने लगी। बूथ प्रभारियों का फीडबैक लेने से लेकर बैठकें आयोजित करना और बैठकों का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी में​ विकास तिवारी का प्रबंधन ऐसा रहा कि प्रत्याशी का समय भी बचा और उसे प्रचार का ज्यादा वक्त मिला।

बोलने में माहिर, मीडिया प्रबंधन के खिलाड़ी भी बने
विकास तिवारी बोलने में भी माहिर है और हर मुद्दे पर नजर भी रखते हैं। कई मु्द्दों पर जब बड़े नेता भी मीडिया से दूरी बना लेते थे तब विकास तिवारी मीडिया के लिए हर समय उपलब्ध रहे और उन्होंने पार्टी और प्रत्याशी का अच्छे तरीके से बचाव किया। चुनाव प्रबंधन के साथ साथ मीडिया प्रबंधन का भी जिम्मा विकास तिवारी ने बखूबी निभाया।

बूथ प्रभारी से प्रदेश मीडिया सह प्रभारी, चुनाव प्रबंधन के खलीफा हैं विकास तिवारी, पंद्रह चुनाव में से 14 जिताये
बूथ प्रभारी से प्रदेश मीडिया सह प्रभारी, चुनाव प्रबंधन के खलीफा हैं विकास तिवारी, पंद्रह चुनाव में से 14 जिताये

कभी विश्वासघात नहीं किया
राजनीति में विश्वास जीतना महत्वपूर्ण होता है। विकास तिवारी ने कभी खुद चुनाव लडने की आफत नहीं मचाई और ना ही कभी भीतरघात किया। जिसके साथ भी रहे उसके साथ ईमानदारी से काम किया और पार्टी हित में लगे रहे। यही कारण है कि पंद्रह चुनाव में से वो 14 चुनावों में जीत दर्ज करने में महत्वपूर्ण् भूमिका में रहे।

बूथ प्रभारी से प्रदेश मीडिया सह प्रभारी, चुनाव प्रबंधन के खलीफा हैं विकास तिवारी, पंद्रह चुनाव में से 14 जिताये
बूथ प्रभारी से प्रदेश मीडिया सह प्रभारी, चुनाव प्रबंधन के खलीफा हैं विकास तिवारी, पंद्रह चुनाव में से 14 जिताये

सहकारिता चुनाव में कांग्रेस को हराया
वहीं सहकारिता के चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए जहां कांग्रेस का बोलबाला रहता था वहीं विकास तिवारी ऐसे कठिन चुनाव में खुद उतरे और उन्होंने सालों बाद सहकारिता चुनाव में भी जीत दर्ज की। यही कारण है कि बूथ प्रभारी से शुरुआत करने वो विकास तिवारी को पार्टी ने उनकी काबलियत को देखते हुए मीडिया सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी है।