Sanjiv Jiva Murder case
रतनमणी डोभाल। Sanjiv Jiva Murder case
कुख्यात संजीव जीवा की लखनउ कोर्ट में की गई हत्या जेल में एक कैदी से हुए झगडे के कारण की गई थी। इसके लिए शूटर को बीस लाख रुपए दिए गए थे। नेपाल में पूरी साजिश रची गई और शूटर को पिस्टल व पैसे पहुंचाए गए। शूटर विजय यादव को इसके लिए चुना गया था। आखिर ब्रह्मदत्त द्विवेदी और कृष्णानंद राय जैसे बडे हत्याकांड करने वाले बदमाश संजीव जीवा का किससे झगडा हुआ और क्यों दी गई सुपारी, नीचे तक पढें।
लखनउ जेल में कैदी से हुथा था झगडा Sanjiv Jiva Murder
शूटर ने अपने कबूलनामे में बताया कि लखनउ जेल में आतिफ नाम का कैदी बंद था जिसकी संजीव जीवा से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। झगडे में जीवा ने आतिफ की दाढी खींच ली थी। इस बेइज्जती का बदला लेने के लिए आतिफ ने अपने भाई अशरफ को कहा था।
नेपाल में माफिया है अशरफ
बताया जा रहा है कि अशरफ नेपाल में माफिया है और अशरफ ने ही विजय यादव को अपने भाई की बेइज्जती का बदला लेने के लिए बीस लाख रुपए में संजीव जीवा की हत्या करने की सुपारी दी थी। अशरफ से मिलने विजय यादव नेपाल भी गया था। ये बात पुलिस की शुरुआती जांच में भी आई थी कि जीवा की हत्या में नेपाल का कनेक्शन सामने आया है। फिलहाल पुलिस बयानों के आधार पर जांच आगे बढा रही है।
मुख्तार अंसारी का गुर्गा था संजीव जीवा
संजीव जीवा मुख्तार अंसारी गैंग से जुडा था। संजीव जीवा के नाम दो दर्जन से अधिक केस थे। इनमें ब्रह्मदत्त द्विवेदी और कृष्णानंद राय हत्याकांड मुख्य हैं। संजीव जीवा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरिद्वार और दिल्ली में सक्रिय था। पूर्वांचल में भी जीवा का नाम था। जीवा मूलरूप से मुज्जफरनगर का रहने वाला था और पहले डॉक्टर की दुकान में कमाउंडर का काम करता था।

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