चंद्रशेखर जोशी।
जिला पंचायत हरिद्वार के अध्यक्ष राव आफाक अली ने सरकार से ग्राम समाज की जमीनों की जांच कराने की मांग की है। साथ ही प्रशासन ने ग्राम समाज की जमीनों को कब्जा मुक्त कराने के लिए कार्रवाई करने की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के पास जमीन की कमी है और अक्सर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं कि ग्राम समाज की जमीनों को खुर्द बुर्द किया जा रहा है। इसलिए इसकी जांच की जानी आवश्यक है। वहीं उनकी इस मांग से ग्राम प्रधानों और हलका पटवारियों, लेखपालों की मुसीबत आ सकती है।
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ग्राम प्रधानों और पटवारी की होती है जिम्मेदारी
असल में ग्राम समाज की जमीनों और संपत्तियों की देखरेख की जिम्मेदारी भूमि प्रबंधक कमेटी की होती है। इसका अध्यक्ष ग्राम प्रधान होता है और सचिव गांव का लेखपाल, पटवारी होता है। इसलिए ग्राम समाज की भूमि पर यदि कब्जा होता है या फिर उसे खुर्द बुर्द किया जाता है। तो इसकी पूरी जिम्मेदारी इन दोनों की ही होती है। हरिद्वार में अक्सर ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने के मामले सामने आते रहते हैं। यही नहीं ग्राम समाज के तालाबों पर भी कब्जा किया गया है। इसलिए अगर जांच होती है तो ग्राम प्रधान और पटवारी जांच के दायरे में आ जाएंगे। हो सकता है इनमें से कईयों को जेल भी जाना पड जाए।
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सभी को साथ लेकर करूंगा विकास
जिला पंचायत सभागार में प्रेस वार्ता करते हुए अध्यक्ष राव आफाक अली ने कहा कि हरिद्वार जिला पंचायत में किसी भी राजनीतिक दल का बहुमत नहीं था और ना वर्तमान में है। फिर भी माननीय जिला पंचायत सदस्यों ने मेरे उपाध्यक्ष के चुनाव में जाति, धर्म व राजनीतिक दलों तथा भिन्न-भिन्न विचारधाराओं व भावनाओं से ऊपर उठकर रिकार्ड मतों से जिताया था। जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली ने बताया कि मैं कुछ वरिष्ठ साथियों के साथ माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, माननीय पंचायत राज मंत्री अरविन्द पाण्डे, माननीय जिला प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज जी व हरिद्वार जिले के कद्दावर नेता कैबिनेट मंत्री माननीय मदन कौशिक जी व सभी विधायक गणों से मिलकर जिले के विकास के लिए जिला पंचायत हरिद्वार को विशेष बजट दिए जाने की मांग करूंगा तथा कुंभ के बजट में से भी ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए बजट की मांग की जाएगी। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि जिले के विकास के लिए हमारे बोर्ड को नजर अंदाज नहीं किया जाएगा।