हरिद्वार के हिस्ट्रीशीटर
केडी।
हरिद्वार के हिस्ट्रीशीटर जिन नेताओं के पीछे आप कदमताल करते हैं, उनके पीछे कभी पुलिस हाथ धोकर पड़ी रहती थी। जिनकी रहनुमाई में आप जिंदाबाद के नारे लगाते हैं, उनके कारनामों की इबारत कभी थानों में लिखी जाती थी। जरा सोचिए जिनसे आप बेजिझक बात और हंसी ठिठोली कर लेते हैं, उनकी आहट भर से एक वक्त लोगों की सांसें थम जाया करती थी।
जरायम की अंधी गलियों के ये वो बदनाम नगीने थे जिनके खौफ को सियासी जमातों ने अपनी ताकत बनाया और बदले में इन हिस्ट्रीशीटरों को खादी पहना दी। ताकि खादी के आगे खाकी बेबस लेकिन सावधान की मुद्रा में खड़ी रहे।
16 थानों में हैं 380 हिस्ट्रीशीटर
एसएसपी कार्यालय से हिस्ट्रीशीटरों के बारे में जनकारी मांगी गई। इसके मुताबिक जनपद के 16 थानों में 380 हिस्ट्रीशीटर हैं, जिनमें से कई वर्तमान में राजनीति कर रहे हैं। कई प्रोपर्टी डीलर बन गए हैं तो कई चाय, अण्ड की ठेली लगा रहे हैं। कई ऐसे हैं जो धर्म—कर्म के काम में जुड़े हैं। एक वकील भी बना है तो एक पत्रकार भी बन गया है। कई लापता है तो कई सजा भुगत रहे हैं। यहां हम बात सिर्फ राजनीति में आए अतीत के अपराधियों की कर रहे हैं। हरिद्वार के हिस्ट्रीशीटर
कौन से नेता है पुलिस के रिकार्ड में हिस्ट्रीशीटर
1— रतन सिंह उर्फ बुद्धु पुत्र मेघपाल निवासी विकास कॉलोनी, हरिद्वार।एचएस नंबर— 6 ए, नगर कोतवाली, हरिद्वार।
रतन सिंह को अब रतन सिंह ठाकुर के नाम से जाना जाता है। ये नगर कोतवाली हरिद्वार के हिस्ट्रीशीटर हैं। इनके कारनामों से प्रभावित होकर इन्हें कांग्रेस ने राजनीतिक मंच दिया। हरीश रावत जब हरिद्वार के सांसद थे, तब ये उनके सांसद प्रतिनिधि हुआ करते थे। अक्सर हरिद्वार दौरों के दौरान रतन सिंह सीएम हरीश रावत के रहबर हुआ करते थे। आज भी ये हरीश रावत के खास सिपाही माने जाते हैं। अक्सर ये कांग्रेस के मंचों पर नजर आ जाते हैं।
2— संजय चोपड़ा उर्फ संजू पुत्र गोविंद लाल निवासी विष्णुघाट, हरिद्वार।
एचएस नंबर — 12 ए, नगर केातवाली हरिद्वार।
संजय चापेड़ा नाम से तो आप वाकिफ ही होंगे। भाईगिरी करते—करते संजय चोपड़ा फुटपाथ पर ठेला, खोखा लगाने वाले लोगों के मसीहा बन गए। लंबे समय तक खोखा पटरी नेता के तौर पर संघर्ष किया। इसी के साथ कांग्रेस ने इनके टेलेंट को भी पहचान लिया।
इन्हें भी संजू से आदरणीय संजय चोपडा बना दिया। हाल ही में ये मंडी समिति के अध्यक्ष बने। अपने गुरु हरक सिंह रावत के कांग्रेस छोड़ने के साथ ही ये भी कांग्रेस को छोड़ भाजपा में आ गए। भाजपा ने भी इनके पुराने रिकार्ड को खंगालने की जरूरत नहीं समझी और आज से भाजपा के बैनर तले कांग्रेस से दो—दो हाथ कर रहे हैं।
3— सोम चौहान पुत्र इकमल सिंह निवासी सीतापुर ज्वालापुर, एचएस नंबर 92 ए, कोतवाली ज्वालापुर।
ज्वालापुर कोतवाली का ये हिस्ट्रीशीटर राजनीति में आने के बाद मंडी समिति ज्वालापुर के अध्यक्ष भी बने। सोम चौहान भाजपा में लगातार सक्रिय रहे हैं। ये भी अपने समाज के बडे नेता के तौर पर जाने जाते हैं।
हरिद्वार के हिस्ट्रीशीटर
4— नाजिम सलमानी पुत्र हबीब निवासी मौहल्ला हज्जाबान, ज्वालापुर। एसएस नंबर 109 ए, कोतवाली ज्वालापुर।
नाजिम सलमानी अपने समय का नामी बदमाश रहा है। हत्या के कई आरोप नाजिम पर लगे थे। लंबे समय तक जेल में भी रहे। लेकिन, बाहर आने के बाद काफी समय से सलमानी बिरादारी की राजनीति कर रहे हैं। नाजिम ने 2007 विधानसभा चुनाव में अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाया था।
वोटों का धु्व्रीकरण होने के कारण मदन कौशिक को बडी जीत मिली। इनके भाजपा, कांग्रेस और बसपा सभी दलों से संबंध रहे हैंं। लोकसभा चुनाव में इन्होंने कांग्रेस को समर्थन किया था। ये कांग्रेस के कई मंचों पर नजर आ जाते हैं। फिलहाल ये सलमानी बिरादरी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और कांग्रेस की राजनीति कर रहे हैं।
5— मनोज चौहान पुत्र सुरेंद्र निवासी पंजनहेडी, थाना कनखल। एचएस नंबर 31 ए, थाना कनखल।
मनोज चौहान भी कनखल थाने का हिस्ट्रीशीटर है। लेकिन, इनकी नई पहचान खनन—चुगान समिति के जरिए हैं। ये खनन कारोबार को संगठित करके चलाते हैं। खनन जैसे मुनाफे के धंधे से जुडे इस हिस्ट्रीशीटर को भाजपा और कांग्रेस दोनों का ही सपोर्ट मिलता आया है। पुलिस के रिकार्ड में ये भी राजनीतिक सक्रिय दिखाया गया है। हरिद्वार के हिस्ट्रीशीटर
6— राजेंद्र बाडी पुत्र गंगादीन निवासी पूर्वी अंबर तालाब, रूडकी। एचएस नंबर— 10 बी, थाना रूडकी।
राजेंद्र बाडी कभी सट्टा कारोबारी हुआ करते थेे। पुलिस ने इनके पास से हजारों पर्चियां पकड़ी होगी। लेकिन जनता की अदालत में ये पास हुए और लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद जा पहुंचे। फर्श से अर्श के इस सफर में सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेसी नेता अंबरीष कुमार का काफी योगदान रहा। अंबरीष ने 2004 के अर्धकुंभ में हुई लाठीचार्ज का फायदा उठाकर मैदानी मूल के लोगों की भावनाओं को कैश करा लिया था। राजेंद्र बाडी को सपा ने खादी पहनने का मौका दिया था। हरिद्वार के हिस्ट्रीशीटर
8— सुशील चौहान पुंत्र इसम निवासी खेडली, थाना बहादराबाद। एचएस नंबर— 60ए, थाना बहादराबाद।
सुशील चौहान को सुशील खेडली के नाम से जाना जाता है। इनके प्रभाव को भाजपा ने कैश किया। इन्हें किसान कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया और बाद में भाजपा का जिलाअध्यक्ष भी बनाया। चौहान बिरादरी पर भी इनका बहुत प्रभाव है। यही कारण है कि भाजपा को चौहान जाति का वोट और सपोर्ट मिलता आ रहा है। ये अपने क्षेत्र के कद्दावर नेता माने जाते हैं। हरिद्वार के हिस्ट्रीशीटर
9— जसवंत पुत्र कांशी राम निवासी बहादराबाद, एसएस नंबर, 62ए। थाना बहादराबाद।
जसवंत कभी नाजिम सलमानी गैंग का अहम सदस्य होता था। लेकिन, नाजिम के साथ ही ये भी जरायम की दुनिया को अलविदा कहकर राजनीति में आ गए। इन्हें पूर्व विधायक अंबरीष कुमार ने आसरा दिया। आज ये भी उनके साथ ही कांग्रेस का दामन थामे हुए हैं। बहादराबाद में इनका भी काफी प्रभाव है। हरिद्वार के हिस्ट्रीशीटर
10— प्रताप पुत्र हरीश चंद्र निवासी बहादराबाद, एचएस नंबर, 65ए, थाना बहादराबाद।
बहादराबाद का एक ओर हिस्ट्रीशीटर प्रताप पाल राजनीति में सक्रिय है। अपनी पत्नी को पंचायत राजनीति में उतारा और खुद राजनीति तौर पर स्थपित हो गए। ये भी नाजिम सलमानी के साथ हुआ करते थे और अब नाजिम के पदचिन्हों पर चलते हुए ही राजनीति में आ गए। हरिद्वार के हिस्ट्रीशीटर







Nice Story. This is called the fearless and real journalism. Best of Luck for your bright future.
Hopes that second and third part of this story will be published soon…..
अदभुत
लिफाफे वाले समय में भी आपके जैसे पत्रकार है
बहुत सुकून मिला
एक अनुरोध है बस यह निडरता बनाये रखे
मेँ तो आपके साथ हूँ
और दूसरा सुशिल खेलड़ी चौहान बिरादरी का नेता नहीं है
बिरादरी को उपयोग करता है
एक प्राइवेट नौकरी तो लगवाई नहीं जाती इनसे
सराहनीय गजब जहां आज कई पत्रकार इनकी चाटुकारिता करते है आपने इनकी हवा निकाल दी यकीन नहीं होता कि आज भी आप जैसे पत्रकार हैं मेरा निजी विचार की सिर्फ इक पत्रकार ईमानदारी से अपना धर्म निभाने लगे तो बाकी तीनों स्टमभों की हिम्मत नहीं की भ्रष्टाचार में स्लिनप्त हो पाए ।
सैल्यूट सर