मोहन जोशी,लालकुआं।
राज्य सरकार के बिन्दुखत्ता नगरपालिका के वापसी शासनादेश जारी किए जाने की खबर सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में बिन्दुखत्ता नगरपालिका वापसी पर अन्तिम मुहर लगाते हुए शासनादेश जारी कर दिया गया है सरकार के इस फैसले से बिन्दुखत्ता के 70 हजार लोगों ने राहत की सांस ली है। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण परिवेश में बसे बिन्दुखत्ता को 24 फरवरी 2014 को नगरपालिका का दर्जा दिए जाने का राज्य सरकार द्वारा शासनादेश जारी किया था जिसे जनविरोधी करार देते हुए नगरपालिका की घोषणा के बाद से ही भाकपा माले, भाजपा समेत कांग्रेस पार्टी भी आम जनता के साथ नगरपालिका के विरोध में आंदोलन धरना-प्रदर्शन कर सरकार के फैसले के खिलाफ उतर गई थी आम जनता की भावनाओं को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक व सूबे के श्रममंत्री हरीशचंद्र दुर्गापाल व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सिफारिश पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए 6 सितम्बर 2016 को बिन्दुखत्ता नगरपालिका वापसी की घोषणा की थी जिसको अमलीजामा पहनाते हुए 13 दिसम्बर मंगलवार कैबिनेट की बैठक में नगरपालिका वापसी का शासनादेश जारी किए जाने की खबर है। इसको स्थानीय जनता में सकारात्मक माहौल है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इस फैसले का फायदा उठाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।
