ब्यूरो।
रूल ऑफ लॉ एंड जस्टिस फाउंडेशन ने मुख्य सचिव उत्तराखंड समेत सात अधिकारियों के खिलाफ राज्य मानव अधिकार आयोग को एक शिकायत भेजी थी। फाउंडेशन ने भेजी गई शिकायत में गुलदार की रोकथाम, हमले में घायल के लिए 5 लाख व मृतकों के परिवार जन को 50 लाख रूपये मुआवजा और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई थी। जिसपर चेयरमैन मानव अधिकार आयोग ने निदेशक, राष्ट्रीय राजाजी पार्क देहरादून से प्रगति रिपोर्ट मांगी है।
फाउंडेशन के अध्यक्ष अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने 15 जनवरी 2020 में मानवाधिकार आयोग से प्रदेश सरकार,मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार, सचिव वन संपदा, जिलाधिकारी, निदेशक राजाजी नेशनल पार्क, डीएफओ नेशनल पार्क रेंज व चीला रेंज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए एक पत्र भेजा था। भेजी गई लिखित शिकायत में बताया था कि हरिद्वार में शिवालिक नगर व आसपास के क्षेत्र में जंगली जानवर स्थानीय लोगों व उनकेे पालतू पशुओं पर हमला कर रहे हैं। कई लोगों व उनके पालतू पशुओं को अपना निवाला बना चुके है।जबकि राजाजी पार्क के संबंधित अधिकारी जंगली जानवरों को रोकने में लापरवाही बरत रहे हैं। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार बर्ष 2013 से बर्ष 2018 तक 11 व्यक्तियों की जान हाथीयों द्वारा ली गई है, वन विभाग की लापरवाही के चलते जंगली जानवर गुलदार व हाथी लगातार लोगों को व उनके पालतू पशुओं को निवाला बना रहे हैं। जबकि उक्त जिम्मेदार अधिकारी कोई उचित कदम नहीं उठा रहे है। शिकायतकर्ता ने
भेजे गए शिकायत पत्र में वर्ष 2014 से लेकर जुलाई 2018 तक गुलदार व बाघ ने 28 व्यक्तियों की हत्या कर दी है। जबकि वन विभाग के आंकड़े बताते है कि वर्ष 2013 से वर्ष 2018 तक 11 लोगों की हत्या जंगली हाथी कर चुके हैं। फिलहाल, स्थानीय लोगों में डर बना हुआ है। जबकि संबंधित अधिकारी गैर जिम्मेदार बर्ताव निभा रहे है। अध्यक्ष अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि संबंधित अधिकारियों की लापरवाही व उदासीनता के चलते लोगों को दिए गए संविधान में अनुच्छेद 21 प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण का उल्लंघन कर रहे हैं। पत्र में मृतक लोगों को बहुत कम मुआवजा देकर मामले को खत्म कर देने का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया कि आयोग को भेजे पत्र में घायल व्यक्ति को पांच लाख, मृतक को पचास लाख रुपये का मुआवजा, मृतक के आश्रित को तत्काल सरकारी नौकरी, पार्क की बाउंड्री बनवाने व संबधित अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि आयोग ने पत्र पर कार्यवाही करते हुए निदेशक, राष्ट्रीय राजाजी पार्क देहरादून को छह मार्च 2020 तक पत्र का जवाब व अबतक की गई कार्यवाही रिकार्ड के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।