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समझौते के बाद भी कांग्रेस पार्षद पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, पुलिस कर रही ये कार्रवाई


चंद्रशेखर जोशी।
नगर निगम हरिद्वार के अफसर महेंद्र कुमार यादव को कथित तौर पर जूता निकालकर धमकाने वाले कांग्रेस पार्षद की माफी मांगने के बाद भी मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। ज्वालापुर के कांग्रेसी पार्षद सुहैल कुरैशी के​ खिलाफ पुलिस चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है। यही नहीं कांग्रेसी पार्षद की गिरफ्तारी भी हो सकती है। आपको बता दें कि कांग्रेसी पार्षद सुहैल कुरैशी के खिलाफ नगर कोतवाली पुलिस ने महेंद्र यादव की तहरीर पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और धमकाने का मुकदमा दर्ज किया था। इसके अगले ही दिन कांग्रेसी पार्षद ने नगर निगम परिसर में माफी मांगते हुए गिले शिकवे मिटाने का दावा किया था।
हालांकि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है लेकिन, पुलिस समझौते के मानने को तैयार नहीं है। बल्कि इसके उलट पुलिस कांग्रेसी पार्षद के माफीनामे को आधार बनाकर कार्रवाई कर सकती है। पुलिस सूत्रों का कहना है ​कि सुहैल कुरैशी ने अगर माफी मांगी है तो उसने अपने जुर्म का इकबाल खुद ही कर लिया है। इसको आधार बनाया जा सकता है।
नगर कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि निगम पार्षद सुहैल कुरैशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज है और हमारी तफ्तीश जारी है। समझौता हुआ है या नहीं हमें कोई जानकारी नहीं है। हम अपनी जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर देंगे।

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क्या था विवाद
असल में पार्षद सुहैल कुरैशी किसी काम को लेकर महेंद्र यादव को लगातार फोन कर रहे थे। लेकिन काफी समय से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल पाया। मेयर आफिस में दोनों के बीच विवाद हो गया। बाद में मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस रात में ही सुहैल कुरैशी को गिरफ्तार करने पहुंच गई। इसके अगले ही दिन कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में नगर निगम में दोनों पक्षों के बीच फैसला हो गया। इससे पहले नगर निगम कर्मचारियों ने हडताल पर जाने का ऐलान किया था।

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मेयर की भूमिका भी सवालों के घेरे में
मेयर अनीता शर्मा और उनके पति अशोक शर्मा की पूरे प्रकरण में भूमिका को लेकर भी सवाल खडे होते रहे हैं। पूरे मामले को लेकर जिस तरीके से ढील बरती गई और मेयर ने तटस्थ रूख अपनाया उससे पार्षद सुहैल कुरैशी की मुश्किलें बढ गई। अगर तभी मामले को सुलझा लिया जाता तो शायद मुकदमा दर्ज नहीं हो पाता। बताया जा रहा है कि मेयर और उनके पति ने कम दिलचस्पी दिखाई। इसके बाद नगर निगम कर्मचारियों की ओर से तुरंत मुकदमा दर्ज करा दिया गया।
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निगम की कार्यशैली से जनता में गुस्सा
छोटी सरकार यानी नगर निगम को लेकर लोगों में गुस्सा पनप रहा है। चाहे साफ सफाई का मसला हो या फिर कोई दूसरी समस्या। लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। इसका खामियाजा पार्षदों को उठाना पडता है। जनता उनसे सवाल जवाब करती है। जबकि मेयर अनीता शर्मा भी अपना प्रभााव छोड पाने में अभी तक नाकाम ही रही है। वो उल्टी शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और भाजपा पर काम ना करने देने का आरोप लगाती रहती है। और अफसरों पर सहयोग ना करने का आरोप लगाती है।

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