रतनमणी डोभाल।
हरिद्वार में एक प्रमुख निजी अस्पताल प्राइवेट लैब के साथ मिलकर कोरोना जांच में सरकारी नियमों को ताक पर रख जनता से खुलेआम लूट कर रहा है। कोरोना जांच के लिए एंटीजन टेस्ट (Rapind Antigen Testing) के लिए जहां सरकार ने निजी लैब के लिए 679 रूपए तय किए हुए हैं वहीं निजी अस्पताल एंटीजन टेस्ट के 1000 रूपए वसूल रहा है और ये सब हो रहा है हरिद्वार सीएमओ कार्यालय से चंद कदम दूर बने मेट्रो अस्पताल में। वहीं जब मेट्रो अस्पताल में जांच कर रही कंपनी PANACEA HEALTHCARE & DIGNOSTICS PVT. LTD. से एंटीजन टेस्ट के एक हजार रूपए लिए जाने के बारे में पूछा गया तो कंपनी के कर्मचारी विपुल ने बताया कि हम एंटीजन टेस्ट के एक हजार रूपए ही लेते हैं और सरकारी रेट कम होने के बाद भी ऐसा क्यों किया जा रहा है तो ये मेट्रो अस्पताल के पीआरओ पंकज बताएंगे।
इस बाबत जब मेट्रो अस्पताल के पीआरओ पंकज से फोन पर संपर्क किया गया तो पहले उन्होंने अस्पताल आकर इस बाबत चर्चा करने की बात कही, वहीं जब उनसे दो टूक जवाब मांगा गया तो उन्होंने मीटिंग में होने का बहाना बनाकर फोन काट दिया।
जबकि सबूत के तौर पर एक व्यक्ति की रसीद सामने हैं, जिसमें गौरव नाम के व्यक्ति ने तीन दिसंबर को मेट्रो अस्पताल में अपना एंटीजन टेस्ट कराया, जिसके लिए उसे एक हजार रूपए की रसीद दी गई.
इसी तरह चार दिसम्बर को इसी अस्पताल में अरशद नाम के व्यक्ति ने भी टेस्ट कराया, जिससे रेपिड एंटीजन टेस्टिंग के लिए एक हजार रूपए वसूला गया जो कि नियमों के सख्त खिलाफ है। सरकार ने प्राइवेट अस्पताल और लैब के लिए कोरोना जांच का शुल्क निर्धारित किया हुआ, ताकि कोरोना जांच के नाम पर जनता से लूट ना हो सके। वहीं सरकारी नियमों को धता बताते हुए एंटीजन टेस्ट के 1000 रूपए लिए जा रहे हैं जबकि सरकारी रेट 679 रूपए हैं।
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क्या कहता है स्वास्थ्य विभाग
हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं जब हरिद्वार में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की बरती जा रही लापरवाही पर सवाल खड़े हुए हैं। इस मामले में सीएमओ डा. शंभूनाथ झा ने बताया कि कोरोना जांच के लिए सरकार की ओर से शुल्क निर्धारित किया गया है और अगर निजी अस्पताल व लैब ज्यादा पैसे ले रहे हैं तो इसकी जांच की जाएगी और जांच में दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।