विकास कुमार।
दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शनिवार से शुरु हो गया। कोरोना से उत्तराखण्ड के सबसे दूसरे ज्यादा प्रभावित जनपद में हरिद्वार में भी हेल्थ वर्कर्स को कोरोना का टीका लगाया गया। पिछले करीब नौ महीनों से कोरोना से जंग लड रहे डॉक्टरों ने आगे बढकर पहला टीका लगवाया और किसी भी तरह की शंका पर विराम लगा दिया। हरिद्वार के ऋषिकुल सेंटर में हरिद्वार अस्पताल के सीएमएस डा. राजेश गुप्ता, रूडकी से डा. संजय कंसल, नारसन से डा. विवेक तिवारी और रोशनाबाद सेंटर में एएनएम संगीता को सबसे पहले टीका लगाया गया। इसके अलावा हरिद्वार में कोरोना को मात देने वाले वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. संदीप निगम, मेला अस्पताल की सीसीसी प्रभारी डा. निशात अंजुम, डा. संजय त्यागी, डा. चंदन मिश्रा, डा. दीपक पांडे, डा. यशपाल तोमर, डा. रविंद्र, डा. सुब्रत अरोडा आदि ने भी पहले चरण में टीका लगाया। एसीएमओ डा. अजय कुमार ने बताया कि शुरुआती चरण में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वाय को टीका लगाया गया है। जिला अस्पताल में पचास प्रतिशत नर्सिंग स्टाफ को टीका लगाया गया है, क्योंक वो संक्रंमित मरीज के सीधे संपर्क में रहती हैं।
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कैसा रहा टीके के बाद अनुभव, डाक्टरों ने साझा किए अपने अनुभव
जिला अस्पताल में सबसे पहले टीका लगवाने वाले सीएमएस डा. राजेश गुप्ता ने बताया कि कोरोना का टीका लगाने के बाद किसी भी प्रकार का काम्लीकेशन सामने नहीं आया। ना कोई घबराहट, ना कोई अन्य विकार सामने आया। टीका पूरी तरह से सुरक्षित है और सभी को लगवाना चाहिए।
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कोरोना संक्रमित हुए डा. संदीप निगम ने भी लगवाया टीका
महिला अस्पताल में तैनात वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. संदीप निगम ने भी पहले चरण में टीका लगवाया। डा. संदीप निगम कोरोना संक्रमित भी हुए थे। उन्होंने बताया कि टीका लगाना उनके लिए सुखद अनुभव रहा है। उन्होंने कहा कि टीका लगाने के बाद किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं आया है। ये पूरी तरह से सुरक्षित है।