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चीन में चमकेंगे पतंजलि के उत्पाद, चीन पहुंचे आचार्य बालकृष्ण ने किए समझौते


ब्यूरो।
पतंजलि योगपीठ के महामंत्री और बाबा रामदेव के करीबी आचार्य बालकृष्ण ने बीजिंग के निकट हार्वे प्रोवेंस में वहाँ के माननीय गवर्नर श्री ल्यूगाँव लिन जी के साथ भव्य भेंटवार्ता कर भारत-चीन के रिश्तों को मधुर बनाने की एक ठोस पहल की है। भारतवर्ष एवं भारतीय संस्कृति के लिए आज गौरव का क्षण है कि चीन सरकार ने भारत वर्ष की हर तरह की कला, संस्कृति, परंपरा, योग, आयुर्वेद, अनुसंधान, जड़ी-बूटी अन्वेषण, योग-केंद्र, पर्यटन, सूचना प्रोद्यौगिकी, शिक्षा, मीडिया आदि गतिविधियों के लिए कार्य करने हेतु स्वीकृति दी तथा इसके लिए सभी प्रकार के संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया। इस योजना को मूर्त रूप प्रदान करने हेतु चीन के हार्वे प्रोवेंस के नंदगाँव में नंदगाँव औद्योगिक पार्क की प्रशासनिक समिति व पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, भारत व दो अन्य संस्थाओं के बीच एम.ओ.यू. (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर आचार्य जी ने कहा कि हमें ‘वसुधैव कुटुम्बम्’ व ‘विश्व बन्धुत्व’ की भावना से एक-साथ मिलकर कार्य करना है।
आचार्य बालकृष्ण बीजिंग से देशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह एम-ओ-यू- भारतीय संस्कृति, परम्परा तथा विभिन्न कलाओं के प्रचार-प्रसार में सहायक होगा। यदि कोई भारतीय संस्था, कम्पनी, सरकारी या गैर सरकारी संगठन यहाँ कार्य करना चाहे तो इस समझौते के अनुसार उन्हें यहाँ पूरा सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि यहाँ सभी लोग पतंजलि की गतिविधियों से भी बहुत प्रभावित हैं। यहाँ के प्रसिद्ध उद्योगपति तथा अन्य लोग पतंजलि के साथ जुड़कर विविध क्षेत्रें में कार्य करने को उत्सुक हैं। आचार्य जी ने कहा कि चीन के लोगों में पुरुषार्थ की भावना बहुत प्रबल है। हमारा उद्देश्य भारतीय संस्कृति, परम्परा, योग, आयुर्वेद व देश की विभिन्न कलाओं का प्रचार-प्रसार कर वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाना है। यहाँ कई स्थानों पर भ्रमण करने के पश्चात् हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि इस कार्य हेतु यह सर्वोत्तम स्थान है।
बैठक में हार्वे प्रोवेंस के डिप्टी गर्वनर श्री गाओ लंगुवा, स्काई टी.वी. के सी.एम.डी. श्री चेन जियानचेंग, श्री वू झिगुआ, श्री झेंग बाओशान, श्री झू झेनपेंग तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे। यात्रा में श्री मार्टिन स्काई, यू. जेन पेंग, नेपाल के श्री किरण जी, श्री शाक्या जी तथा इस यात्र के सूत्रधार गुरु पण्डित ओमानंद जी का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। ज्ञात हो कि श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज विगत 13 दिसम्बर से चीन की यात्रा पर हैं।

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