CM Photo 05 dt 24 January 2020

प्रदेश में आयोजित होगा अन्तराष्ट्रीय हरित ऊर्जा सम्मेलन


ब्यूरो।
इस वर्ष जून के प्रथम सप्ताह में प्रदेश में अन्तर्राष्ट्रीय हरित ऊर्जा सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। इस सम्बन्ध में शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। सम्मेलन में केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वन एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन जलशक्ति मंत्रालय के मंत्रीगणों के साथ ही नीति आयोग के उपाध्यक्ष के साथ ही जिन देशों का रिनोवेशन इनर्जी पर ज्यादा फोकस है उनमें चैक रिपब्लिक, नार्वे, स्वीडन, कनाडा, नीदरलैंड, स्पेन, यू.ए.ई. आदि देशों के प्रतिनिधि भी प्रतिभाग करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रिनोवेशन इनर्जी भविष्य की जरूरत है। इस दिशा में गंभीरता से सोचने की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि इस दिश में हम कैसे आगे बढ़े इस पर भी चिन्तन की जरूरत है। देहरादून को ग्रीन सिटी के रूप में चयनित होने से इस दिशा में हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ी है। इस सम्मेलन के रूप में इस दिशा में यह प्रभावी पहल होगी। उन्होंने इस प्रकार के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन देश-विदेश के समय-समय पर आयोजित होते रहे है। हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र में पहचान बनाने के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाना प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमे सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय हरित ऊर्जा विकास के आयामों, ऊर्जा परियोजनाओं के विकास हेतु वाध्यतायें एवं सीमायें, ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तीय प्रबंधन इस क्षेत्र के विभिन्न अधिनियम एवं नीतियों के साथ ही ऊर्जा क्षेत्र में नवीन तकनीकि एवं आविष्कार जैसे विषयों पर हम क्षेत्र के विषय-विशेषज्ञों द्वारा अपने विचार व्यक्त किये जायेंगे। उनके सुझाव भी इस दिशा में कारगर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि हाइड्रो व थर्मल पावर की सीमायें और सीमित हो रही है। अब भविष्य के लिए वैकल्पिक ऊर्जा के साधनों पर ही हमें ध्यान देना होगा। इस दृष्टि से भी यह सम्मेलन उपयोगी सिद्व होगी।
इस अवसर पर सम्मेलन के बारे में सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा ने बताया कि यह सम्मेलन जून 2020 में प्रस्तावित है तथा इसमें दुनिया भर से ऊर्जा क्षेत्र से संबन्धित लगभग 250 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। श्रीमती राधिका झा ने बताया कि सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हरित ऊर्जा विकास के विभिन्न आयामों पर विचार विमर्श किया जाएगा। साथ ही उत्तराखण्ड के लिए महत्वपूर्ण जल विद्युत एवं हरित ऊर्जा से सम्बन्धित अन्य परियोजनाओं के विकास, निर्माण एवं क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं, समस्याओं एवं मुद्दों के साथ साथ ऊर्जा परियोजनाओं हेतु सुचारू वित्तीय प्रबन्धन पर भी चर्चा की जायेगी। इसके अतिरिक्त सम्मेलन में ऊर्जा क्षेत्र में विकसित हो रही नवीनतम तकनीकों एवं सामग्रियों तथा विभिन्न नीतियों, विनियमों एवं अधिनियमों आदि पर भी गहन विमर्श होगा। सम्मेलन में केन्द्र सरकार एवं विभिन्न राज्य संस्थानों, निर्माण क्षेत्र से जुड़े व्यवसाईयों, वित्तीय संस्थाओं के साथ ही ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों के प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे।
श्रीमती राधिका झा ने बताया कि उक्त सम्मेलन उत्तराखण्ड शासन एवं ऊर्जा विभाग के तत्वाधान में यूजेवीएन लिमिटेड, उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन, पिटकुल एवं उरेडा द्वार मिलकर आयोजित किया जाना है। सम्मेलन से निकले निष्कर्षों को राज्य की हरित ऊर्जा परियोजनाओं के विकास, निर्माण एवं परिचालन की रूपरेखा एवं नीतियों को तय करने में उपयोग किया जाएगा।
बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आनन्द बर्द्वन, श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव वित्त श्री अमित नेगी, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम के साथ ही ऊर्जा निगमों के प्रबंध निदेशक एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग।

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