CM Photo 06 dt. 15 December 2019

पौडी में बनाया जाएगा जंग—ए—आजादी के शहीदों का स्मारक


ब्यूरो।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को द्वारीखाल, पौड़ी गढ़वाल में राजकीय इण्टर कॉलेज देवीखेत के हीरक जयन्ती समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों के सम्मान में उनका स्मारक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने वाले हैं। प्रदेश की जनता से हमने वायदा किया था कि हम राज्य के विकास एवं भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलायेंगे। पी.एम.जी.एस.वाई में सबसे अधिक दस अवार्ड उत्तराखण्ड को मिले हैं। गांवों को सड़को से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने गंभीरता से प्रयास किये। देश में सड़कों के ग्रामीण संयोजन में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान मिला है। जन सहयोग एवं सरकार की मंशा से विकास में तेजी आती है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में 17 विद्यार्थियों पर औसतन एक अध्यापक है, देश में छात्र-शिक्षक अनुपात में सबसे अच्छी स्थिति उत्तराखण्ड की है। आज रोजगार परक एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। दुनिया की डिमाण्ड के हिसाब से शिक्षा में गुणात्मक सुधार पर बल देना होगा। उत्तराखण्ड में लगभग एक हजार विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें छात्र संख्या 10 से कम है। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को क्लब किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इन तीन वर्षो में राज्य सरकार की कोशिश रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रूके। प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पर्वतीय क्षेत्रों पलायन रूकना जरूरी है। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है।
राज्य सरकार द्वारा किसानों को बिना ब्याज के एक लाख रूपये तक का ऋण तथा स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के 05 लाख रूपये का ऋण दिया जा रहा है। गौचर मेले में सात दिन में साढ़े छः करोड़ रूपये का कारोबार हुआ, जिसमें से 61 लाख का कारोबार स्थानीय महिलाओं ने किया। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है, इस दिशा में उत्तराखण्ड में महिला स्वयं सहायता समूह अच्छा कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर विधायक श्रीमती ऋतु खण्डूड़ी, भाजपा के जिलाध्यक्ष श्री सम्पत सिंह रावत, उत्तराखण्ड संस्कृति साहित्य एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष श्री घनानन्द, सचिव शिक्षा श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम आदि उपस्थित थे।

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