haridwar police

तबादला नीति: फिर मैदान मारने में कामयाब हो गए थानेदार साहब


विकास कुमार।
डीजीपी अशोक कुमार भले ही लंबे अर्से से मैदान में जमे एसआई-इंस्पेक्टरों को नई तबादला नीति बनाकर पहाड़ चढ़ाने का दावा कर रहे हो लेकिन हरिद्वार में इसकी तस्वीर उल्टी दिखाई दे रही है। कई बार अपने कामों से विवादों में घिरे इंसपेक्टर यशपाल बिष्ट एक बार फिर से हरिद्वार जिले में तैनाती पाने में सफल रहे, आखिर क्या वजह है जो यशपाल बिष्ट को बार-बार हरिद्वार भेजा जाता है। यही नहीं पहाड़ी जनपद में तबादला होने पर विवादित इंस्टपेक्टर एसटीएफ या आईजी कार्यालय में खुद को अटैच कराने में सफल रहता है, ऐसे में डीजीपी का दावा पहाड़ चढ़ने की सूची में शामिल पुलिसकर्मियों के लिए हताश करने वाला है।
इंस्पेक्टर यशपाल बिष्ट की एकाएक जिले में तैनाती हुई, फिर चंद मिनटों में मंगलौर कोतवाल की कुर्सी भी मिल गई जबकि लंबे समय से कई इंस्पेक्टर जिले में चार्ज की बाह जोट रहे थे। देहरादून में डालनवाला का कोतवाल रहते हुए आईएएस से उलझने वाले इंस्पेक्टर यशपाल को तब भी पहाड़ भेजा गया था लेकिन वह खुद को एसटीएफ में अटैच कराने में कामयाबी हासिल की थी। फिर हरिद्वार जिले में तैनाती मिली थी, तब जिला आबकारी अधिकारी प्रशांत कुमार के खिलाफ उल्टा शराब तस्कर से मुकदमा दर्ज कराकर विवादों में घिरे कोतवाली रानीपुर प्रभारी यशपाल बिष्ट को टिहरी भेजा गया था, तब वह आईजी गढ़वाल कार्यालय में अटैच हो गया था और भूमि संबंधी मसलों के लिए गठित एसआईटी की कमान संभाली।

———–
इन्हें भी मिली तैनाती
हरिद्वार, यशपाल ही नहीं बल्कि शर्मा बंधु यानि अमरचंद्र शर्मा एवं सुंदरम शर्मा एक बार फिर हरिद्वार में लौट आए हैं। इन दोनों भाईयों की गहरी पैठ को लेकर हर पुलिसकर्मी अचंभित है। सुंदरम शर्मा पहाड़ी जिलों में तैनाती के वक्त कई विवादों से घिरे रहे। नहीं उनके भाई अमर चंद शर्मा चंद दिनों के लिए पहाउ़ चढ़े फिर वह एसटीएफ में तैनाती पाने में कामयाब रहे। अब फिर से हरिद्वार का रुख किया है।

————-
चर्चा में थानेदार
हरिद्वार, खनन से जुड़े एक थाने की कमान संभाल चुके थानेदार की कारगुजारियां एक बार फिर चर्चाओं में आ गई है। दरअसल, कोतवाल साहब नमस्ते लेने के लिए खनन कारोबारियों के पीछे कई कई किलोमीटर का सफर तय करते थे, जब तक उन्हें नमस्ते नहीं मिल जाती थी, तब तक वह हार नहीं मानते थे। चाहे पूरा दिन खनन कारोबारी के पीछे ही दौड़ना क्यों न पड़ जाएं।

Share News