जल संचय पर ध्यान देने के लिए लीकेज पर ध्यान देना जरूरी


ब्यूरो।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में पेयजल विभाग की समीक्षा की। उन्होंने जल संचय पर ध्यान देने के लिये पेयजल लाईनों के लीकेज को ठीक करने पर विशेष ध्यान देने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल लाईन बिछाते समय मानकों का ध्यान रखा जाए, ताकि वह जल्दी खराब न हो। उन्होंने कहा कि हमारी सेवाएं तथा व्यवस्थाएं बेहतर होनी चाहिए। उन्होंने जल संग्रहण क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान देने पर भी बल दिया।
बैठक में बताया गया कि पेरी अर्बन क्षेत्रों में नगरीय मानकों के अनुरूप पेयजल व्यवस्था के लिये 12 शहरों के लिये 975 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है। जबकि नगरीय जलोत्सरण योजनाओं के अन्तर्गत 26 नगरों में आंशिक जलोत्सरण व्यवस्था, 224.41 एमएलडी की क्षमता के 26 ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किये गये है। नमामि गंगे योजना के अधीन 188.75 एमएलडी के 30 एसटीपी का निर्माण, 6 एसटीपी का उच्चीकरण तथा 61 नालों का टेप करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके सापेक्ष 19 एसटीपी निर्मित, 06 एसटीपी का उच्चीकरण तथा 41 नालों को टेप किया गया है।
इसी प्रकार स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की 614 ग्राम पंचायतों के कार्य पूर्ण किये जा चुके है। तथा 2313 के कार्य प्रगति पर है। प्रदेश में जल संचय अभियान के तहत मार्च, 2019 तक 214.63 करोड़ मीटर जल संचय क्षमता सृजित की गई है। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री अमित नेगी, श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, श्री सुशील कुमार, अपर सचिव, मुख्यमंत्री, डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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